नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, निर्यात के लिए समर्पित एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समिति है। यह एक विस्तृत निकाय है, जो विदेशी बाजारों में भारत के संपूर्ण सहकारी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है । एनसीईएल को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था और औपचारिक रूप से 25 जनवरी 2023 को बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत किया गया था ।
विषयसूची
सदस्यों को स्वेच्छा से सहकारी समितियां बनाने की अनुमति
बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 उन सहकारी समितियों को नियंत्रित करता है, जो एक से अधिक राज्यों में संचालित होती हैं। यह सदस्यों को स्वेच्छा से सहकारी समितियां बनाने की अनुमति देता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करें। अधिनियम स्वयं सहायता, पारस्परिक सहायता और सदस्यों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देता है। यह सहकारी समितियों को कार्यात्मक स्वायत्तता भी प्रदान करता है और संबंधित मामलों को संबोधित करता है।
सहकारी क्षेत्र में अधिक रोजगार के अवसर
NCEL को 5 अग्रणी सहकारी समितियों, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको), कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको), नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नैफेड), गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ-अमूल) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा प्रवर्तित किया गया है। इसकी प्रारंभिक चुकता पूंजी 500 करोड़ रुपये है, जिसमें पांच प्रवर्तकों में से प्रत्येक का योगदान 100 करोड़ रुपये है और अधिकृत शेयर पूंजी 2,000 करोड़ रुपये है। सहकारी उत्पादों को वैश्विक बाजारों से जोड़कर, एनसीईएल “मेक इन इंडिया” की विचारधारा का समर्थन करता है, बाजार संबंधों को मजबूत करता है, और सहकारी क्षेत्र में अधिक रोजगार के अवसर पैदा करता है।
अधिशेष उपज को वैश्विक बाजारों में ले जाना
NCEL का लक्ष्य बेहतर मांग और उचित मूल्य देखते हुए भारतीय सहकारी समितियों से अधिशेष उपज को वैश्विक बाजारों में ले जाना है। यह खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, प्रमाणन और विपणन को संभालकर निर्यात में मदद करता है। इसके साथ-साथ, यह वित्तीय व्यवस्था करता है, तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करता है, कौशल निर्माण में मदद करता है, बाजार की जानकारी विकसित करता है और सदस्यों को सरकारी योजनाओं से जोड़ता है। ऐसा करने से, यह सहकारी समितियों की क्षमता को भी मजबूती देता है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उनकी मौजूदगी का विस्तार करता है। एनसीईएल के ज़रिए, सहकारी मॉडल को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाया गया है, जिससे स्थानीय उपज और कौशल को “सहकार से समृद्धि”, सहयोग के ज़रिए समृद्धि, के मार्गदर्शक नज़रिए से दुनिया भर में बाजार खोजने में सक्षम बनाया गया है।
बहुत कम समय में NCEL ने अहम परिणाम दिए हैं
अगस्त 2025 तक 11,034 सहकारी समितियों को सदस्यता प्रदान की गई है, जिनमें 10,793 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) और अन्य सहकारी समितियां शामिल हैं। (प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) ग्राम-स्तरीय सहकारी समितियां हैं, जो किसानों को ऋण प्रदान करती हैं, पुनर्भुगतान की वसूली करती हैं और वितरण और विपणन का समर्थन करती हैं।)
सहकारी समितियों को सदस्यता प्रदान
जिन सहकारी समितियों को सदस्यता प्रदान की गई है उनकी संख्या इस प्रकार है:- 10793 पीएसीएस और अन्य प्राथमिक सहकारी समितियां, 216 तहसील/जिला स्तरीय सहकारी समितियाँ,10 बहु-राज्य सहकारी सोसायटी, 10 राज्य स्तरीय सहकारिता सोसायटी, 5 प्रवर्तक सहकारी समितियाँ/संगठन
अगस्त 2025 तक, एनसीईएल के माध्यम से चावल, ताजा लाल प्याज, चीनी, शिशु आहार, प्रसंस्कृत भोजन, मसाले और चाय सहित 5,403.01 करोड़ रुपये मूल्य की कृषि वस्तुओं का निर्यात पहले ही 13.49 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) को पार कर चुका है।
NCEL ने 28 देशों में अपने निर्यात का विस्तार किया है, जिनमें प्रमुख उत्पाद हैं: बासमती और गैर-बासमती चावल, समुद्री उत्पाद (विशेष रूप से झींगा), मोटे अनाज, गेहूं, फल और सब्जियां, पशु उत्पाद, मसाले और वृक्षारोपण उत्पाद।
NCEL ने 2024-25 के लिए 4,283 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ 122 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया।
2023-24 के दौरान, एनसीईएल ने अपने सदस्य सहकारी समितियों को 20% लाभांश का भुगतान किया। ये उपलब्धियाँ भारत के सहकारी आंदोलन को वैश्विक ताकत में बदलने की एनसीईएल की क्षमता को दर्शाती हैं।
NCEL ने सेनेगल, इंडोनेशिया और नेपाल के 61 आयातकों के साथ रणनीतिक समझौतों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
NCEL के उद्देश्य और प्रमुख लक्ष्य
- सहकारी निर्यात के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना और राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्तर के निकायों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना।
- हितधारकों को वैश्विक बाजारों से जोड़ना और मूल्य संवर्धन, भंडारण, पैकेजिंग और परिवहन के ज़रिए ग्रामीण रोजगार पैदा करना ।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेंचमार्क कीमतों पर कृषि और संबद्ध वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देना ।
- सहकारी समितियों के लिए बाजार अनुसंधान, परामर्श, प्रशिक्षण, प्रमाणन सहायता, रसद और बुनियादी ढांचा प्रदान करना ।
- सहकारी उत्पादों की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के लिए जानकारी का आधार बनाना और ब्रांडिंग, लेबलिंग और पैकेजिंग को बढ़ाना ।
- एनसीईएल की पहुंच और बाजार में मौजूदगी का विस्तार करने की रणनीतियाँ
- निर्यात लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, एनसीईएल बाज़ार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई रणनीतियाँ अपना रहा है।
- राज्य नोडल एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और पैक्स के साथ जुड़ने के लिए व्यावसायिक योजनाएं तैयार कीं।
- किसानों और सहकारी समितियों को निर्यात हेतु तैयार करने के लिए एक कमोडिटी सेमिनार श्रृंखला शुरू की गई, जिसका पहला आयोजन जुलाई 2025 में मध्य प्रदेश में हुआ।
- कमोडिटी-विशिष्ट रणनीतियों को डिजाइन करने के लिए नोडल एजेंसियों, रजिस्ट्रार सहकारी सोसायटी कार्यालयों और अन्य हितधारकों के साथ ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण अपनाया गया।
- सोशल मीडिया, मार्केटिंग टूल और जागरूकता अभियानों के ज़रिए ब्रांडिंग और डिजिटल आउटरीच को मजबूत किया गया।
- विशेष रूप से पैक्स से सदस्यता बढ़ाने के लिए एक बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया गया।
- नुक्कड़ नाटक कार्यक्रमों और वेबसाइट और व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किए गए 10 भाषाओं में एक बहुभाषी डिजिटल न्यूज़लेटर के माध्यम से जुड़ाव बढ़ाया।
समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर
नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ने सहकारी-आधारित कृषि निर्यात को मजबूत करने के लिए सितंबर 2025 में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, गुणवत्ता अनुपालन, बुनियादी ढांचे का समर्थन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी शामिल होगी। यह अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग, बाजार स्थिति, डेटा-संचालित बाजार बुद्धिमत्ता और कमोडिटी-विशिष्ट निर्यात रणनीतियों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
NCEL के लिए भविष्य की दिशाएँ
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एनसीईएल से सहकारी चीनी मिलों से चीनी, त्रिपुरा के सुगंधित चावल, जैविक कपास और मोटे अनाज के निर्यात के नए अवसर तलाशने की अपील की है। उन्होंने खाड़ी देशों में ताजी सब्जियों और विशेष आलू की किस्मों के निर्यात के लिए बड़ी कंपनियों के साथ साझेदारी की संभावना पर भी प्रकाश डाला।
निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित
NCEL के लिए 2 लाख करोड़ रुपए के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। श्री शाह ने निर्देश दिया कि सभी सहकारी संस्थानों का निर्यात एनसीईएल के माध्यम से किया जाना चाहिए ताकि करीब 20,000-30,000 करोड़ रुपए का कारोबार और शुद्ध लाभ सहकारी समितियों में वापस आ सके।
उन्होंने दालों के आयात के लिए अफ्रीका और म्यांमार में एनसीईएल कार्यालय स्थापित करने और सहकारी सदस्यों को वैश्विक मांग को समझने और उनकी आपूर्ति क्षमता प्रदर्शित करने में मदद करने के लिए एक समर्पित वेबसाइट विकसित करने का भी सुझाव दिया।
एक नए युग का प्रतिनिधित्व
नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL)भारत के सहकारी क्षेत्र के लिए एक नए युग का प्रतिनिधित्व करता है । महज़ दो सालों में, इसने व्यापक सदस्यता बनाई है, लाखों टन उपज का निर्यात किया है और सदस्यों के साथ लाभ साझा किया है । अगले चरण में निर्यात को बढ़ाना, कमोडिटी बास्केट में विविधता लाना और दुनिया भर में साझेदारी को विस्तार देना शामिल होगा । सरकारी समर्थन और अपने प्रमोटरों द्वारा बनाई गई मजबूत नींव के साथ, NCEL भारत की सहकारी समितियों का वैश्विक चेहरा बनने के लिए तैयार है।
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