CDS जनरल अनिल चौहान बोले : विदेशी तकनीक पर निर्भरता सुरक्षा के लिए खतरा,कल के हथियारों से आज की जंग नहीं जीती जा सकती

By Sunita Singh

🕒 Published 3 weeks ago (4:00 PM)

नई दिल्ली, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि कल के हथियारों से आज की जंग नहीं जीती जा सकती । आज के युग में युद्ध का स्वरूप बदल गया है । युद्ध के हथियारों के लिए विदेशी तकनीक पर निर्भरता हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कमजोरी बन सकती है। CDS ने विशेष रूप से सी-यूएएस यानी एंटी-ड्रोन सिस्टम के स्वदेशी विकास पर जोर दिया।

ड्रोन और एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी प्रदर्शनी

CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा कि आधुनिक युद्धों में ड्रोन्स और UAVs का उपयोग बढ़ रहा है, और भारत को स्वदेशी एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनना ही होगा। श्री अनिल चौहान बुधवार को दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित ड्रोन और एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी प्रदर्शनी के दौरान बोल रहे थे ।

“ड्रोन्स अब युद्ध का भविष्य हैं”

CDS चौहान ने ड्रोन्स को युद्ध की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव करार दिया। उन्होंने कहा, “ड्रोन्स युद्ध की दिशा बदल रहे हैं। इनका उपयोग सिर्फ निगरानी तक सीमित नहीं, बल्कि ये हमले और सुरक्षा दोनों के प्रमुख साधन बन चुके हैं।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि विदेशी तकनीक पर निर्भरता हमारी कमज़ोरी बन सकती है, इसलिए भारत को अपने खुद के सिस्टम विकसित करने होंगे।

स्वदेशी तकनीक = आत्मनिर्भर सुरक्षा

CDS ने स्वदेशी रक्षा उपकरणों के निर्माण को लेकर इस बात पर जोर दिया कि हमें यह करना ही होगा । हम इसे विकल्प के तौर पर नहीं ले सकते हैं। यह हमारे लिए बहुत ही जरूरी बन गया है । भारत को अब Counter-UAS (एंटी-ड्रोन सिस्टम),सर्विलांस & अटैक ड्रोन , साइबर डिफेंस मैकेनिज्म , स्मार्ट एयर डिफेंस सॉल्यूशन के विकसित करने पर पूरा फोकस करना होगा ।

निष्कर्ष:

जनरल अनिल चौहान का यह बयान भारत की रक्षा नीति के लिए एक साफ संदेश है । अब समय आ गया है कि हम आधुनिक युद्धों के लिए आधुनिक, स्वदेशी तकनीक पर भरोसा करें, ताकि कोई भी दुश्मन भारत की संप्रभुता को चुनौती न दे सके।

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