🕒 Published 3 months ago (12:20 PM)
हरियाणा। सोशल मीडिया पर ‘@travelwithjo1’ नाम से मशहूर यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उस पर भारत की संवेदनशील जानकारियां विदेशी एजेंटों को देने और सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करने का संगठित प्रयास करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
क्या है पूरा मामला?
ज्योति मल्होत्रा ने अपने यूट्यूब और इंस्टाग्राम अकाउंट पर पाकिस्तान यात्रा से जुड़े कई वीडियो और रील्स साझा किए हैं। इन पोस्ट्स में लाहौर के अनारकली बाजार, पाकिस्तानी खानपान, संस्कृति, स्थानीय लोगों के व्यवहार जैसी चीजों को उजागर करते हुए पाकिस्तान की छवि को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।
इसी को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने शक जताया कि ये सामग्री केवल ट्रैवल व्लॉगिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे विदेशी खुफिया एजेंसियों के इशारे पर एक सॉफ्ट प्रोपेगेंडा टूल के रूप में उपयोग किया जा रहा था।
पाकिस्तानी एजेंट से थे गहरे संबंध
जांच में खुलासा हुआ कि ज्योति ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां के पाकिस्तानी उच्चायोग (PHC) में तैनात अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क बनाया और उसके साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किए। दानिश को भारत सरकार ने 13 मई 2025 को जासूसी के आरोप में “अवांछित व्यक्ति” घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया था।
बताया जा रहा है कि ज्योति, दानिश के संपर्क में न केवल पाकिस्तान में, बल्कि भारत लौटने के बाद दिल्ली में भी संपर्क में रही, और उसी के इशारे पर इंडोनेशिया के बाली तक की यात्रा की।
कौन-कौन से आरोप लगे हैं?
ज्योति मल्होत्रा पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। इन धाराओं के तहत किसी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी को विदेशी ताकतों को देना अपराध माना जाता है।
खुफिया एजेंसियों का दावा
सूत्रों के अनुसार, ज्योति उन छह लोगों में शामिल है, जिन्हें भारत की खुफिया एजेंसियों ने विदेशी एजेंटों को महत्वपूर्ण सूचनाएं देने के संदेह में चिन्हित किया था। एजेंसियों को संदेह है कि सोशल मीडिया पर उसका बढ़ता प्रभाव जानबूझकर पाकिस्तान की छवि चमकाने और भारत की छवि को धूमिल करने के लिए उपयोग किया गया।
इंटरनेट बना हथियार!
यह मामला इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए हो रही आधुनिक जासूसी का एक बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। जहां पहले जासूसी केवल सीमाओं पर या खुफिया कागजों तक सीमित थी, अब ट्रैवल व्लॉगिंग, फोटो और वीडियो के माध्यम से भी देश की सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है।