🕒 Published 2 months ago (11:44 AM)
हैदराबाद | वक्फ अधिनियम के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने शनिवार रात (19 अप्रैल) हैदराबाद में जोरदार प्रदर्शन किया। AIMIM मुख्यालय ‘दारुस्सलाम’ में आयोजित “वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ” जनसभा में देशव्यापी विरोध की रणनीति तैयार की गई।
इस जनसभा में कांग्रेस, बीआरएस, डीएमके और वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं की मौजूदगी ने आंदोलन को राजनीतिक समर्थन भी दिया। सभा के दौरान 30 अप्रैल को रात 9 बजे से ‘ब्लैकआउट विरोध प्रदर्शन’ करने की घोषणा की गई, जिसमें देशभर के लोग अपने घरों की लाइटें बंद रखकर विरोध दर्ज कराएंगे।
ओवैसी का केंद्र पर निशाना, ‘हम सिर नहीं झुकाएंगे’
हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह आंदोलन उन ताकतों के खिलाफ है जो हमें मिटाना चाहती हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे। संसद में मैंने जो कानून की कॉपी फाड़ी थी, वो सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों के हक में था जो ऐसे दमनकारी कानूनों से प्रभावित होंगे।”
AIMPLB अध्यक्ष बोले- ‘मस्जिदों पर भी खतरा’
AIMPLB के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने वक्फ अधिनियम को मुसलमानों की संपत्ति के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा, “यह कानून वक्फ संपत्तियों को फिर से हासिल करने को असंभव बना देता है। यहां तक कि मक्का मस्जिद जैसी ऐतिहासिक संपत्तियों को भी गैर-वक्फ घोषित किया जा सकता है और मुसलमानों को अपनी ही संपत्ति में विज़िटर बना दिया जाएगा।”
विरोध की आगे की रणनीति तय
सभा में आगे की रणनीति के तहत:
- 18 मई को शहर स्तर पर राउंड-टेबल बैठकें आयोजित होंगी।
- 22 मई को ईदगाह बिलाली हॉकी ग्राउंड, हैदराबाद में महिलाओं की सार्वजनिक सभा होगी।
- 25 मई को दोपहर 2 से 2.30 बजे तक ह्यूमन चेन बनाकर विरोध होगा।
- 1 जून को धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
- तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के जिलों में जनसभाएं आयोजित होंगी।
दाऊदी बोहरा समुदाय समर्थन में नहीं – ओवैसी
ओवैसी ने बीजेपी के उस दावे को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि दाऊदी बोहरा समुदाय वक्फ कानून का समर्थन कर रहा है। उन्होंने कहा, “समुदाय ने खुद JPC के सामने कहा है कि वे इस कानून का समर्थन नहीं करते। बीजेपी इस मुद्दे पर उन्हें गलत तरीके से पेश कर रही है।”
AIMPLB ने अल्पसंख्यक नेताओं और धर्मनिरपेक्ष प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे इन विरोध सभाओं में भाग लेकर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा में अपना योगदान दें।