Indian Army will get power ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद भारत की इमरजेंसी रिक्वेस्ट पर अमेरिका ने बड़ी मात्रा में सटीक-निर्देशित (Precision-Guided) गोला-बारूद और जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों की सप्लाई को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी आधिकारिक तौर पर अमेरिकी कांग्रेस को भी भेज दी है।
भारत ने मई में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद इमरजेंसी रूट से इन हथियारों को खरीदने का फैसला किया, ताकि सीमापार ऑपरेशन में खर्च हुए गोला-बारूद की तुरंत भरपाई हो सके और सेना की मारक क्षमता और मजबूत बनाई जा सके।
द इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने के बाद एक्सकैलिबर राउंड की तत्काल जरूरत थी। इनका इस्तेमाल नियंत्रण रेखा (LOC) के पार आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के लिए किया गया था।
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एक्सकैलिबर राउंड: बेहद सटीक और लंबी दूरी की मार,Indian Army will get power
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक्सकैलिबर राउंड का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। ये राउंड LOC के पार आतंकवादी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाने के लिए दागे गए थे।
एक्सकैलिबर राउंड M777 155 मिमी अल्ट्रालाइट हॉवित्जर से छोड़े जाते हैं।
ये 30 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी पर मौजूद ठिकानों को बेहद सटीकता से भेदते हैं।
M777 तोपें टाइटेनियम और एल्यूमिनियम से बनी होती हैं, इसलिए हल्की और तेज मार वाली मानी जाती हैं।
क्या है एक्सकैलिबर और क्यों है इसकी इतनी मांग?
यह एक 155 mm स्मार्ट आर्टिलरी राउंड है, जिसे अमेरिकी कंपनी रेटियॉन (RTX) बनाती है।
हर मौसम में, हर रेंज पर, यह सटीक निशाना लगा सकता है।
39-कैलिबर आर्टिलरी की रेंज को 40 किमी, और 52-कैलिबर आर्टिलरी की रेंज को 50 किमी तक बढ़ा देता है।
इसे M777, K9 वज्र, धनुष, ATAGS जैसी भारतीय तोपों से भी दागा जा सकता है।
GPS + Inertial guidance की मदद से यह 50 किमी दूर 10 मीटर से कम CEP के साथ लक्ष्य पर गिरता है।
दुश्मन के बंकरों और मजबूत ठिकानों को मिनटों में खत्म कर देता है।
एक्सकैलिबर: एक साथ 7 लक्ष्य खत्म करने की क्षमता
ये राउंड इतने प्रभावी हैं कि एक ऑपरेशन के दौरान दुश्मन के कम से कम 7 ठिकानों को एक-एक करके सटीक रूप से ध्वस्त कर सकते हैं।
92 मिलियन डॉलर वाली इस खरीद पर अमेरिका की DSCA ने कहा है कि इससे भारत की “पहली मार की क्षमता” और सटीकता काफी बढ़ेगी।
आपातकालीन खरीद: तेज़ डिलीवरी वाली प्रक्रिया
इमरजेंसी खरीद में मंजूरी के कुछ ही हफ्तों में कॉन्ट्रैक्ट साइन होता है और लगभग एक साल के भीतर सप्लाई भेज दी जाती है।
भारत को इस डील में मिलेंगे,Indian Army will get power
216 M982A1 एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल
कुल मूल्य: 47.1 मिलियन डॉलर
इसके अलावा, दूसरी मंजूरी जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों के लिए दी गई है।
जैवलिन मिसाइल डील: भारत की टैंक-रोधी क्षमता होगी और मजबूत
भारत को अमेरिका से मिलेंगे
101 FGM-148 जैवलिन मिसाइल राउंड
1 Fly-to-Buy जैवलिन मिसाइल
25 Light Weight Command Launch Units (LWCLU)
कुल मूल्य: 45.7 मिलियन डॉलर
साथ में ट्रेनिंग किट, बैटरी-यूनिट, सिमुलेशन राउंड, ऑपरेटर मैनुअल, लाइफ-साइकिल सपोर्ट और अन्य लॉजिस्टिक सेवाएं शामिल हैं।
इस पूरी डील को अमेरिका की RTX Corporation तैयार करेगी।
इन दोनों आपातकालीन खरीदों का उद्देश्य है— पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन में खर्च हुए हथियारों की भरपाई ।
भारतीय सैन्य ताकत में इजाफा करना, सटीक मारक क्षमता में तेजी से सुधार करना यह मंजूरी भारत की सैन्य मजबूती और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।
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