
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली नहीं करता, तब तक किसी भी तरह की द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक कहा कि जम्मू-कश्मीर सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है, और इसमें किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता या दखल मंजूर नहीं।
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कश्मीर पर भारत की नीति अटल:
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,
“कश्मीर पर भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव है जब वह PoK को खाली करे।”
अमेरिका को सीधा संदेश:
भारत ने यह भी साफ कर दिया कि अमेरिका या किसी अन्य देश द्वारा कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
“कश्मीर के मुद्दे पर भारत को किसी तीसरे की जरूरत नहीं है। यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है, और भारत इसका समाधान अपने तरीके से करेगा।”
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर डिफेंस अटैचेज़ को ब्रीफिंग:
भारत ने अपनी सैन्य ताकत और रणनीतिक तैयारी का प्रदर्शन करते हुए 70 देशों के डिफेंस अटैशे को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की।
डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी एस राणा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने न्यू ऐज वारफेयर में अपनी दक्षता और रणनीतिक बढ़त दुनिया के सामने रखी है।
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