🕒 Published 2 months ago (2:30 PM)
आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलेरेंस’ की नीति पर कायम रहते हुए भारत ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि बातचीत अब सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली करने पर ही होगी। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि “आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते, खून और पानी साथ नहीं बह सकते।”
भारत का स्पष्ट संदेश:
रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराना जरूरी है और भारत इस मुद्दे पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने दोहराया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी बातचीत द्विपक्षीय ढांचे में ही होनी चाहिए।
बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल रवाना:
भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई को दुनिया के सामने रखने के लिए सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश रवाना किया है, जिनमें से तीन पहले ही रवाना हो चुके हैं। प्रवक्ता जायसवाल ने बताया, “यह एक राजनीतिक मिशन है। हम चाहते हैं कि विश्व समुदाय सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो और आतंकवाद को पनाह देने वालों को जवाबदेह ठहराए।”
सिंधु जल संधि पर भारत का सख्त रुख:
भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना विश्वसनीय और स्थायी रूप से बंद नहीं करता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथन दोहराते हुए जायसवाल ने कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।”
तुर्की को भी दी चेतावनी:
भारत ने तुर्की को भी आड़े हाथों लिया। जायसवाल ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद करने की अपील करेगा।” वहीं, तुर्की की कंपनी Celebi Aviation की सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के मामले पर उन्होंने बताया कि यह फैसला नागरिक उड्डयन सुरक्षा एजेंसी द्वारा लिया गया है।
पाकिस्तान को याद दिलाई आतंकियों की सूची:
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत बातचीत के लिए तभी तैयार होगा जब पाकिस्तान उन कुख्यात आतंकवादियों को भारत को सौंपने पर गंभीरता से चर्चा करे, जिनकी सूची कुछ साल पहले पाकिस्तान को सौंपी गई थी।