भारत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई, असम-Delhi-अंडमान से वापसी की बड़ी मुहिम

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 month ago (11:40 AM)

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार देश में मौजूद अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। देशभर में इनकी पहचान कर वापसी की कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। असम, दिल्ली और अंडमान-निकोबार से सैकड़ों अवैध प्रवासियों को वापस उनके मूल देश बांग्लादेश और म्यांमार भेजा गया है।

असम से 102 रोहिंग्या और बांग्लादेशी निकाले गए

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, असम के गोलपाड़ा जिले के मटिया डिटेंशन कैम्प में रखे गए 102 रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को बसों में भरकर पहले त्रिपुरा ले जाया गया, और वहां से उन्हें बांग्लादेश भेज दिया गया। मटिया देश का सबसे बड़ा डिटेंशन कैम्प है।

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि,

“अब मटिया में केवल 30-40 विदेशी घोषित किए गए लोग बचे हैं। बाकी सभी को भारत सरकार के ऑपरेशन के तहत उनके देश भेजा जा चुका है।”

उन्होंने आगे बताया,

“पहले घुसपैठियों को पकड़ा जाता था, मुकदमा चलता था और फिर जेल में डाला जाता था। अब रणनीति बदली गई है – उन्हें सीमा से ही वापस खदेड़ दिया जाएगा, ताकि भारत के कानूनी तंत्र पर बोझ न पड़े।”

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई: रोहिंग्या को समुद्र के रास्ते भेजा गया

डेक्कन हेराल्ड की ही एक अन्य रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने 7 मई, 2025 को 40 रोहिंग्या घुसपैठियों को पकड़ कर अंडमान के रास्ते समुद्र में छोड़ दिया, ताकि वे म्यांमार पहुंच सकें। हालांकि इस पर सरकारी पुष्टि नहीं हुई है।

इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल हो चुकी है।
मोहम्मद इस्माइल नामक याचिकाकर्ता ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने 43 रोहिंग्या नागरिकों को बायोमेट्रिक लेने के नाम पर उठाया और फिर उन्हें बिना प्रक्रिया के समुद्र में भेज दिया।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 31 जुलाई, 2025 को करेगा।

BSF ने सुंदरबन में छोड़े 78 बांग्लादेशी

एक और रिपोर्ट में बताया गया है कि बीएसएफ (BSF) ने 78 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के जंगलों में छोड़ दिया। बाद में बांग्लादेशी सुरक्षा बलों ने उन्हें अपने क्षेत्र में हिरासत में लिया।

बड़ी कार्रवाई का संकेत

इन कार्रवाइयों से साफ है कि भारत सरकार ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ “नो टॉलरेंस पॉलिसी” अपना ली है। एक तरफ असम, दिल्ली और अंडमान में सक्रिय ऑपरेशन चल रहे हैं, तो दूसरी ओर कानूनी मोर्चे पर भी घुसपैठियों को चुनौती दी जा रही है।

 

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