🕒 Published 2 months ago (3:17 PM)
भारत के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ 7 मई को किए गए इस ऑपरेशन पर पहले दुख जताने वाला कोलंबिया अब अपना बयान संशोधित करने के लिए तैयार हो गया है।
इस बदलाव के पीछे सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसका नेतृत्व कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर कर रहे हैं। थरूर ने बताया कि कोलंबिया अब अपने पुराने बयान को वापस लेकर एक नया समर्थनात्मक बयान जारी करेगा। उन्होंने कहा, “कोलंबिया की प्रारंभिक प्रतिक्रिया से हमें निराशा हुई थी, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।”
बीजेपी नेता और पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने भी जानकारी दी कि कोलंबिया सरकार के समक्ष भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर और उससे जुड़े तथ्यों को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कोलंबिया के कार्यवाहक विदेश मंत्री से सुबह हुई लंबी बातचीत में घटना की समयरेखा, संदर्भ और साक्ष्यों को साझा किया गया। इसी चर्चा ने कोलंबिया को अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया।
कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियों ने भी माना कि उन्हें अब कश्मीर की स्थिति, संघर्ष और घटनाओं की बेहतर समझ है और इस विषय पर आगे भी संवाद जारी रहेगा।
थरूर ने शुक्रवार को कोलंबिया के पुराने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दो टूक कहा, “आतंकियों को भेजने वालों और आत्मरक्षा में जुटे देश के बीच कोई समानता नहीं हो सकती।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के पास ठोस प्रमाण हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों का हाथ था, जिसमें 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान गई थी।
थरूर ने कहा कि भारत केवल आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहा है, ठीक वैसे ही जैसे कोलंबिया वर्षों से आतंकवाद से जूझता आया है। यह रुख विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कोलंबिया जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनने जा रहा है।
भारत के कूटनीतिक प्रयासों के कारण इस बदलाव को एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को और मजबूत करता है।