फवाद, माहिरा और अफरीदी हुए भारत में ‘अनवेलिबल’ – सरकार ने 24 घंटे में दोबारा बैन किया!

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By Isha prasad

🕒 Published 1 month ago (6:08 PM)

भारत सरकार ने एक बार फिर डिजिटल एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के कई चर्चित कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत में बैन कर दिए हैं। शाहिद अफरीदी, माहिरा खान, फवाद खान, हानिया आमिर, युमना जैदी, दानिश तैमूर और अली जफर समेत कई पाकिस्तानी सितारों के इंस्टाग्राम और यूट्यूब अकाउंट अब भारतीय यूजर्स को दिखाई नहीं दे रहे हैं।

गौरतलब है कि 2 जुलाई को इन सितारों के अकाउंट्स और कुछ पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर लगा बैन अस्थायी रूप से हटा लिया गया था, जिससे यह भारत में फिर से विजिबल हो गए थे। लेकिन केवल 12 घंटे के भीतर सरकार ने इन पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाए हुए है।

शुक्रवार सुबह से भारतीय यूजर्स को इन सितारों के प्रोफाइल पर “भारत में यह अकाउंट उपलब्ध नहीं है” का संदेश दिखाई दे रहा है। हालांकि अब तक सरकार की ओर से इस कार्रवाई को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा था तनाव

इस पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में 26 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है, जिसमें आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। इनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस नृशंस हमले ने देशभर में आक्रोश फैला दिया था।

इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत POK और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की और करीब 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए, जिनका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

डिजिटल स्ट्राइक भी बना हथियार

सीमा पर हुई सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ भारत ने डिजिटल मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेरा। सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बयानों को लेकर सरकार ने पाकिस्तानी कलाकारों के अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया। यही नहीं, भारतीय ब्रांड्स और प्रोडक्शन हाउस ने पाकिस्तानी सितारों के साथ चल रहे प्रोजेक्ट्स और डील्स को भी रद्द कर दिया।

हाल ही में हानिया आमिर को लेकर भी विवाद हुआ था, जब वह भारतीय अभिनेता दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म ‘सरदार जी 3’ में नजर आईं। इससे जुड़े विवादों के चलते उनका अकाउंट भी भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया।

भारत का यह कदम सिर्फ एक तकनीकी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है—कि आतंक और उसके समर्थन को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वो सीमा पार हो या सोशल मीडिया पर।

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