Pahalgam Attack : नहले पर दहला! PAK की चाल पर भारत की कड़क जवाबी चाल! समंदर में गूंजी इंडियन नेवी की गरज

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By Rita Sharma

🕒 Published 2 months ago (10:19 AM)

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार अब पूरी तरह एक्शन मोड में है। एक ओर जहां कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर ताबड़तोड़ फैसले लिए जा रहे हैं, वहीं सैन्य स्तर पर भी तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, भारतीय नौसेना ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए समुद्री सुरक्षा में भारत की ताकत को नया आयाम दिया है।

INS सूरत की सटीक मार, नौसेना की बढ़ी ताकत

भारतीय नौसेना के स्वदेशी युद्धपोत INS सूरत ने अरब सागर में उड़ते हुए लक्ष्य को सटीक निशाना बनाकर एक बड़ी सफलता अर्जित की है। यह परीक्षण न केवल तकनीकी दक्षता का प्रतीक है बल्कि आत्मनिर्भर भारत के रक्षा क्षेत्र में बढ़ते कदमों का भी प्रमाण है। INS सूरत का यह प्रदर्शन दिखाता है कि भारत अब न केवल युद्धपोत बना रहा है, बल्कि उन्हें प्रभावी तरीके से संचालित भी कर रहा है।

अरब सागर में परीक्षण का रणनीतिक महत्व

यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब पाकिस्तान भी अरब सागर में मिसाइल परीक्षण की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण के लिए 24-25 अप्रैल की तारीख तय की है, और इसके लिए कराची तट पर नोटिफिकेशन जारी किया गया है। भारतीय जांच एजेंसियां इस गतिविधि पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

भारत की आक्रामक रणनीति: सिंधु जल संधि पर ऐतिहासिक फैसला

पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया। भारत और पाकिस्तान के बीच पहले तीन युद्ध हो चुके हैं, लेकिन आज तक कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया था। यह फैसला दर्शाता है कि भारत अब केवल निंदा तक सीमित नहीं रहना चाहता।

पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला – इंसानियत को झकझोरने वाला कांड

मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 17 घायल हैं। बैसारन घाटी में हुए इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर निर्ममता की सारी हदें पार कर दीं। यह हमला देश की सुरक्षा व्यवस्था और आतंक के खिलाफ एक निर्णायक रणनीति की मांग करता है – और भारत अब उसी राह पर चल पड़ा है।

निष्कर्ष:
पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच और सैन्य प्रतिक्रिया को पुनर्परिभाषित करने वाला मोड़ है। INS सूरत का सफल परीक्षण, सिंधु जल संधि पर सख्त निर्णय और पाकिस्तान की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी – ये सब दर्शाते हैं कि भारत अब निर्णायक मोड में है।

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