भारत ने यूएन में पाकिस्तान को किया बेनकाब, ‘4 दशक से ज्यादा समय से आतंकवाद का सरपरस्त है पाकिस्तान’

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By Pradeep dabas

🕒 Published 2 months ago (8:00 AM)

भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर पूरी तरह बेनकाब कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान आज से नहीं, बल्कि पिछले चार दशक से भी ज्यादा समय से आतंकवाद का समर्थन करता रहा है।

भारत ने सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं को लेकर भी उसकी कड़ी आलोचना की। यह संधि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक घातक आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दी गई थी। राजदूत हरीश ने स्पष्ट किया कि 65 साल पुरानी यह संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक कि “आतंकवाद का वैश्विक केंद्र” पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। उन्होंने जोर दिया कि भारत ने हमेशा एक ऊपरी तटवर्ती राज्य के रूप में जिम्मेदार तरीके से काम किया है।

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पाकिस्तान के झूठ को सामने लाने के लिए साझा कीं 4 अहम बातें:

राजदूत हरीश ने पाकिस्तान के झूठ को उजागर करने के लिए चार महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं:

  1. संधि का उल्लंघन: उन्होंने कहा कि भारत ने 65 साल पहले सद्भावनापूर्वक सिंधु जल संधि की थी। उस संधि की प्रस्तावना में इसे भावना और मित्रता के साथ संपन्न करने की बात कही गई थी। लेकिन, पिछले साढ़े छह दशकों के दौरान, पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके उस संधि की भावना का उल्लंघन किया है। हरीश ने बताया कि पाकिस्तान से मिलने वाले आतंकी समर्थन की वजह से पिछले 40 सालों में 20,000 से ज्यादा भारतीय ऐसे आतंकी हमलों में मारे गए हैं। भारत में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद का उद्देश्य नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना है।

  2. बदलती परिस्थितियों में संशोधन की आवश्यकता: हरीश ने कहा कि पिछले 65 वर्षों में दूरगामी मौलिक परिवर्तन हुए हैं, न केवल सीमा पार आतंकवादी हमलों के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ी हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बढ़ती आवश्यकताएं भी सामने आई हैं। बांधों के बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है ताकि संचालन और जल उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित की जा सके। कुछ पुराने बांधों को गंभीर सुरक्षा चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पाकिस्तान ने इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव और संधि के तहत अनुमत प्रावधानों में किसी भी संशोधन को लगातार रोकना जारी रखा है।

  3. पाकिस्तान का टालमटोल रवैया: तीसरी जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले दो वर्षों में कई मौकों पर पाकिस्तान से संशोधनों पर चर्चा करने के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध किया है। हालांकि, पाकिस्तान इनसे इनकार करता रहा है और पाकिस्तान का बाधा डालने वाला दृष्टिकोण भारत द्वारा वैध अधिकारों के पूर्ण उपयोग को रोकता रहा है।

  4. संधि के निलंबन का कारण: अंत में, राजदूत हरीश ने स्पष्ट किया कि इसी पृष्ठभूमि में भारत ने घोषणा की है कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान, जो आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन समाप्त नहीं कर देता।

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