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भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता: 100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख रोजगार का नया अध्याय

भारत और यूरोप के चार विकसित देशों के बीच ऐतिहासिक साझेदारी, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) ने 10 मार्च 2024 को व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर किए थे।
यह समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू हुआ — जो भारत और यूरोप के चार विकसित देशों स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के बीच भारत का पहला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है।

100 अरब डॉलर निवेश और 10 लाख रोजगार का संकल्प

टीईपीए भारत का पहला ऐसा एफटीए है जिसमें निवेश और रोजगार सृजन पर बाध्यकारी वचनबद्धता शामिल है।

  • अगले 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश
  • 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजन का लक्ष्य
  • निवेश निर्माण, नवोन्मेष, अनुसंधान और डिजिटल बदलाव जैसे क्षेत्रों में केंद्रित रहेगा

इसके लिए फरवरी 2025 में भारत-ईएफटीए निवेश डेस्क की स्थापना की गई, जो निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सुविधा प्रदान करता है।

ईएफटीए क्या है?

ईएफटीए (European Free Trade Association) की स्थापना 1960 में की गई थी।
इसके सदस्य हैं —

  • स्विट्ज़रलैंड
  • नॉर्वे
  • आइसलैंड
  • लिकटेंस्टीन

इसका उद्देश्य यूरोप में मुक्त व्यापार, आर्थिक सहयोग और नवोन्मेष को बढ़ावा देना है।

समझौते के 14 मुख्य अध्याय

टीईपीए में कुल 14 अध्याय शामिल हैं, जो निम्न विषयों पर केंद्रित हैं:

  • वस्तुओं की बाजार पहुँच
  • उत्पत्ति के नियम और व्यापार सुविधा
  • निवेश प्रोत्साहन
  • सेवाओं का व्यापार
  • बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR)
  • संवहनीय विकास और पर्यावरण संरक्षण
  • प्रतिस्पर्धा और व्यापार सुधार

संतुलित बाजार पहुँच

टीईपीए महत्वाकांक्षा और विवेक का संतुलन है —

  • ईएफटीए ने 92.2% उत्पादों पर सीमा शुल्क रियायतें दीं (भारत के 99.6% निर्यात को कवर करती हैं)।
  • भारत ने 82.7% उत्पादों पर पहुंच दी, जो ईएफटीए के 95.3% निर्यात को कवर करती है।

संवेदनशील क्षेत्रों — जैसे डेयरी, सोया, कोयला, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि उत्पादों — को सुरक्षा दी गई है।

सेवाओं और पेशेवरों के लिए नए अवसर

भारत के सकल मूल्य वर्धन (GVA) में सेवाओं का योगदान 55% से अधिक है।
टीईपीए के तहत:

  • भारत ने 105 उप-क्षेत्रों में अपनी प्रतिबद्धता दी है।
  • नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, वास्तुकला आदि क्षेत्रों में आपसी मान्यता समझौते (MRA) होंगे।
  • यह पेशेवर गतिशीलता और विदेशी रोजगार अवसरों को बढ़ाएगा।

डिजिटल डिलीवरी, वाणिज्यिक उपस्थिति और कुशल पेशेवरों की गतिशीलता से आईटी, शिक्षा और सांस्कृतिक सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) और नवाचार

टीईपीए का IPR अध्याय TRIPS समझौते के अनुरूप है —

  • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और जेनेरिक दवाओं पर भारत की लचीलापन नीति बनाए रखता है।
  • स्विट्ज़रलैंड जैसे नवाचार केंद्रों के लिए भारत की नियामक विश्वसनीयता का संकेत है।
  • पेटेंट एवरग्रीनिंग पर नियंत्रण से किफ़ायती दवाओं की पहुंच सुनिश्चित होती है।

संवहनीय और समावेशी विकास पर ज़ोर

टीईपीए का उद्देश्य सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि संवहनीय और समावेशी विकास को प्रोत्साहित करना है।
यह समझौता पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक प्रगति और नवाचार पर बल देता है।

क्षेत्रवार लाभ

कृषि और खाद्य उत्पाद

  • बासमती चावल, दालें, फल, अंगूर, ग्वार गम जैसे उत्पादों पर शुल्क रियायतें।
  • स्विट्ज़रलैंड और नॉर्वे में शुल्क समाप्त होने से भारतीय उत्पादों की पहुंच बढ़ी।

समुद्री उत्पाद

  • नॉर्वे और आइसलैंड ने मछली और झींगा उत्पादों पर शुल्क घटाया या समाप्त किया।
  • भारत के समुद्री उत्पाद अब अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे।

इंजीनियरिंग और मैनुफैक्चरिंग

  • ईएफटीए देशों को भारत का निर्यात 18% बढ़ा।
  • इलेक्ट्रिक मशीनरी, ऊर्जा-कुशल सिस्टम, और इंजीनियरिंग वस्तुओं को नए अवसर मिले।

रत्न और आभूषण

  • सभी ईएफटीए देशों में शून्य शुल्क — हीरे और सोने के निर्यात को बढ़ावा।

रसायन और प्लास्टिक

  • भारत के 95% रासायनिक निर्यात पर शुल्क कम या समाप्त।
  • निर्यात 49 मिलियन डॉलर से बढ़कर 70 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद।

डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में उछाल

100 अरब डॉलर के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी —

  • स्विट्ज़रलैंड: चिकित्सा और फिनटेक इलेक्ट्रॉनिक्स
  • नॉर्वे: इलेक्ट्रिक वाहन और स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी
  • आइसलैंड: स्मार्ट होम और एजुकेशनल टेक डिवाइस
  • लिकटेंस्टीन: औद्योगिक नियंत्रण प्रणालियाँ और एम्बेडेड इलेक्ट्रॉनिक्स

निष्कर्ष:

भारत-यूरोप साझेदारी का नया युग

टीईपीए केवल एक व्यापार समझौता नहीं, बल्कि रणनीतिक विश्वास और समान दृष्टिकोण का प्रतीक है।
यह भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित करता है।मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए, यह समझौता

  • निवेश,
  • रोजगार,
  • तकनीक, और
  • संवहनीय विकास
    के नए द्वार खोलता है।

 भारत-ईएफटीए टीईपीए एक आधुनिक, संतुलित और दूरदर्शी आर्थिक साझेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण है।

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