🕒 Published 3 months ago (7:08 AM)
नई दिल्ली/श्रीनगर।जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ चल रही है। यह एनकाउंटर भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा है, जो हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था।
इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकियों के 9 ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक पर करारा वार
भारत ने जिस तरह तेज़ी से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि अब देश आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है।
अब तक की प्रमुख उपलब्धियां:
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9 आतंकी शिविर तबाह, जिनमें हथियार, गोला-बारूद और आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर मौजूद थे।
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अलर्ट मोड पर सेना, LOC और IB (इंटरनेशनल बॉर्डर) पर लगातार निगरानी।
पहलगाम हमला: देश को झकझोर देने वाली घटना
पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले ने 26 पर्यटकों की जान ले ली। हमलावर आतंकियों की पहचान की जा चुकी है और उन पर ₹20 लाख का इनाम घोषित कर दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियां इन आतंकियों के पोस्टर जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में चस्पा कर चुकी हैं।
शोपियां में एनकाउंटर: आतंकियों की घेराबंदी
शोपियां में चल रहे ताज़ा ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने संदिग्ध आतंकियों को घेर लिया है।
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गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई
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इलाके की नाकाबंदी
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स्थानीय नागरिकों से अपील – संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दें
अब तक किसी आतंकी के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सेना ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है।
🇮🇳 प्रधानमंत्री मोदी की सख्त चेतावनी
पाकिस्तान द्वारा परमाणु हमले की धमकी दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त संदेश दिया है:
“भारत अब आतंकवाद और उसकी धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।”
मोदी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई अब सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगी।
पाकिस्तानी सेना की पोल खुली
भारत की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, जिन आतंकियों के ठिकाने तबाह किए गए, उनके जनाजों में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भी मौजूद थे।
यह पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता को उजागर करता है।
भारत की जवाबी कार्रवाई का असर
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भारत ने सभी पाकिस्तानी हमलों को विफल किया — चाहे वो ड्रोन हमला हो या मिसाइल।
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आतंकी ठिकानों पर सटीक और योजनाबद्ध हमले किए गए।
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LOC पर तैनात जवानों की संख्या और संसाधनों में इज़ाफा।