मार्च की शुरुआत ही से देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में अप्रत्याशित इज़ाफ़ा देखा जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की गवर्निंग बॉडी ने बताया कि महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात समेत कई राज्यों में तापमान नॉर्मल से बढ़ा हुआ दर्ज किया गया है, जिससे हीटवेव की संभावना हो गई है। विशेषकर गुजरात में परिदृश्य चिंताजनक बने हुए हैं, जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है। इस आर्टिकल में हमें वर्तमान मौसम की स्थिति, हीटवेव के प्रभाव और इससे बचने के नुस्खों पर विस्तार से चर्चा करनी होगी।
1. मौसम की मौजूदा स्थिति
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, देश के पश्चिमी और मध्य भागों में गर्मी तेजी से बढ़ रही है। गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के कुछ हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला गया है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, हीटवेव का कारण इन क्षेत्रों में उच्च दबाव प्रणाली (High Pressure System) का बनना है, जिससे गर्म हवाएं अधिक तीव्र हो रही हैं।

2. किन राज्यों में हीटवेव का सबसे अधिक प्रभाव?
गुजरात
गुजरात इस समय देश का सबसे गर्म राज्य बना हुआ है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के प्रमुख शहरों में तापमान सामान्य से 5-7 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया जा रहा है।
राजकोट में तापमान 42.1°C
अमरेली और सुरेन्द्रनगर में 41°C से अधिक
पोरबंदर में 40.8°C (जो सामान्य से 7.6 डिग्री अधिक है)
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में भी तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ चुका है। मुंबई, पुणे, नागपुर और विदर्भ क्षेत्र के कई जिलों में गर्मी का प्रकोप जारी है।
अकोला में 41.3°C
चंद्रपुर में 40.6°C
पुणे के कोरेगांव पार्क में 40.2°C
राजस्थान
राजस्थान में भी लू जैसी स्थिति बनी हुई है। जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और जयपुर में तेज गर्म हवाएं चल रही हैं।
जयपुर में 40.5°C
जोधपुर में 41.2°C
बीकानेर में 42°C
3. हीटवेव के कारण और प्रभाव
हीटवेव क्यों होती है?
हीटवेव अधिकांशतः निम्नलिखित कारणों से पैदा होती है:
हाई प्रेशर सिस्टम: गर्मियों के दौरान उच्च दबाव प्रणाली बनते से गर्म हवाएं नीचे की ओर दबाव बनाती हैं, जिससे तापमान बढ़ता है।
ग्लोबल वॉर्मिंग: जलवायु परिवर्तन के लगातार बढ़ता हुआ धरती का तापमान गर्मी की अवधि लंबी हो रही है।
शहरीकरण: शहर में अधिक कंक्रीट संरचनाएं और कम हरियाली गर्मी को बढ़ावा देती हैं।
हीटवेव के स्वास्थ्य पर प्रभाव
हीटवेव सबसे अधिक प्रभाव बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर पड़ता है। इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में शामिल हैं:
हीट स्ट्रोक: शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाने से बेहोशी और मृत्यु तक हो सकती है।
डिहाइड्रेशन: पानी की कमी के कारण चक्कर आना, कमजोरी और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
सनबर्न: लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा झुलस सकती है।
श्वसन सम्बन्धी समस्याएं: अधिक गर्मी से अस्थमा और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
4. हीटवेव से बचने के उपाय
घर के अंदर रहने के उपाय
घर को ठंडा रखने के लिए खिड़कियों पर पर्दे लगाएं।
दिन में ज्यादा बाहर निकलने से बचें, खासकर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हल्के सूती कपड़े पहनें।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (टीवी, कंप्यूटर, बल्ब आदि) का कम से कम उपयोग करें क्योंकि ये गर्मी उत्पन्न करते हैं।
बाहर जाने पर बरतें ये सावधानियां
छाते या टोपी का उपयोग करें।
बाहर जाने से पहले शरीर को हाइड्रेट रखें।
ज्यादा मीठे और कैफीन वाले पेय पदार्थों से बचें।
नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी और फल खाएं।
5. सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम
मौसम विभाग ने हीटवेव के मामले में अलर्ट जारी किया है और प्रभावित राज्यों को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
गुजरात सरकार ने रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों में समय परिवर्तन और सार्वजनिक स्थलों पर ठंडे पानी की सुविधा देने के निर्देश दिए हैं।
महाराष्ट्र और राजस्थान में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और स्वास्थ्य विभाग को विशेष तैयारियां करने को कहा गया है।
IMD द्वारा दैनिक रूप से अपडेट जारी किए जा रहे हैं, जिससे लोग जागरूक रह सकें।
6. भविष्य क्या हो सकता है?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान में कुछ कमी के चांस की आशा है, लेकिन गर्मी की प्रभाविति अप्रैल-मई तक जारी रहेगी। बारिश की संभावना के हिसाब से कुछ क्षेत्रों में राहत मिल सकती है।
गर्मी का मौसम अभी अपने चरम पर पहुंचने वाला है और हीटवेव का असर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम सतर्क रहें और खुद को तथा अपने परिवार को इस गर्मी से बचाने के उपाय अपनाएं। सरकार और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें। यदि हम उचित सावधानियां बरतें, तो इस भीषण गर्मी से सुरक्षित रह सकते हैं।
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