Income Tax Bill 2025: नया कानून और आपके सुझाव देने की प्रक्रिया

By Ankit Kumar

🕒 Published 5 months ago (5:25 AM)

भारत में कर कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने नए इनकम टैक्स विधेयक 2025 के संबंध में करदाताओं और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस नए कर कानून के प्रारूप के लिए तैयार करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने एक विशेष ई-फाइलिंग पोर्टल शुरू किया है, जहां सभी इच्छुक लोग अपने सुझाव दे सकते हैं। इस पहल का मकसद कर अनुपालन को सरल बनाना, करदाताओं की समझ में सुधार लाना और कर प्रणाली को पारदर्शी बनाना है।

नए इनकम टैक्स विधेयक 2025 पर सरकार की पहल

भारत सरकार ने संसद में इनकम टैक्स विधेयक 2025 पेश किया है, जिस पर अब सेलेक्ट कमिटी विचार कर रही है। सरकार ने इसके सभी स्टेकहोल्डर्स, टैक्सपेयर्स, व्यवसायियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से इसको अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए सुझाव मांगे हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल माध्यम से संचालित की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें।

CBDT ने सुझाव देने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक यूटिलिटी टूल शुरू किया है। इस टूल के तहत इच्छुक व्यक्ति ओटीपी वैलिडेशन प्रक्रिया के अंतर्गत अपने सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं।



कैसे दें अपने सुझाव?

सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और आसान कर दिया है। नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करके कोई भी स्टेकहोल्डर अपने सुझाव भेज सकता है:

Go to ई-फाइलिंग पोर्टल: https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/ita-comprehensive-review

Enter the name and mobile number.

Complete the ओटीपी वैलिडेशन process.

Submit your suggestions in connection with the new इनकम टैक्स विधेयक 2025.

After submission, your suggestion will be sent to सेलेक्ट कमिटी।

Last date of submission and availability

All the स्टेकहोल्डर्स can use this पोर्टल from 8th मार्च 2025 onwards and submit their suggestions. यह एक ऐतिहासिक पहल है जहां सामान्य करदाता भी कर प्रणाली को सुधारने में अपना योगदान दे सकता है।

इस पहल का उद्देश्य और लाभ

CBDT ने इस पहल के पीछे मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्देश्यों को रखा है:

व्यापक समीक्षा आयकर अधिनियम, 1961: यह सुनिश्चित करने के लिए कि वर्तमान कर कानून मौजूदा आर्थिक और व्यावसायिक परिवर्तनों के अनुरूप हों।

स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ाना: कर प्रणाली को जटिलता से मुक्त करना और करदाताओं की समझ में सुधार लाना।

अनुपालन बोझ को कम करना: करदाताओं के लिए कर दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना और अनावश्यक नियमों को समाप्त करना।

सरलीकरण नियमों और फॉर्म्स: नए फॉर्म और प्रक्रियाएं करदाताओं के लिए अधिक सुविधाजनक होंगे।

करदाता और उद्योगपति कैसे प्रभावित होंगे?

सरल भाषा और समझने योग्य नियम: नए इनकम टैक्स कानून को सरल और स्पष्ट बनाया जाएगा ताकि सामान्य नागरिक भी इसे आसानी से समझ सके।

मुकदमेबाजी में कमी: विवादों और मुकदमों में कमी लाने के लिए स्पष्ट नियम बनाये जाएंगे।

टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा आसान: नए प्रपत्रों और तरीकों को सरल बनाते हुए करदाताओं को राहत दी जाएगी।

डिजिटल और पेपरलेस प्रक्रिया: पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और पेपरलेस वित्तीय किया जाएगा जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

कौन-कौन सुझाव दे सकता है?

यह प्रक्रिया पूर्णत: खुली और लोकतांत्रिक है, जिसमें निम्नलिखित लोग भाग लेने की भूमिका निभा सकते हैं:

व्यक्तिगत करदाता (Individual Taxpayers)

कंपनियों और कॉरपोरेट्स

स्टार्टअप्स और उद्यमियों

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कर सलाहकार

Non-Governmental Organizations (NGOs) and Business Association

Other Stakholders

Future of new income tax laws

आगामी योजनाएं
जनपक्षयिता और संवाद

सरकार का लक्ष्य 2025 तक नए इनकम टैक्स कानून को लागू करना है। इसमें कर दरों, कटौतियों, छूटों और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर संशोधन किया जा सकता है। यह पहल भारत के कर सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

निष्कर्ष

नए इनकम टैक्स विधेयक 2025 को लेकर सरकार ने आम जनता को एक महत्वपूर्ण अवसर दिया है कि वे भी इस सुधार प्रक्रिया में भाग लें। CBDT द्वारा शुरू की गई ई-फाइलिंग पोर्टल की सुविधा सभी स्टेकहोल्डर्स को सरल और पारदर्शी तरीके से अपने सुझाव देने की अनुमति देती है।

अगर तुम भी कर कानूनों को सरल और प्रभावी बनाने में तुम्हारा योगदान देना चाहते हो, तो 8 मार्च 2025 से पहले अपने सुझाव अवश्य सबमिट करें। इससे न केवल तुम्हारी आवाज सुनी जाएगी, बल्कि भारतीय कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और करदाताओं के अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी।

आपकी सिफारिशें सरकार को कर नियमों को बदलने, अनावश्यक बोझ को कम करने और करदाताओं के व्यापारिक अनुभव को प्रोत्साहित करने में मदद करेंगी। तो इस अनमोल अवसर का फायदा उठाएं और अपनी राय सरकार तक पहुंचाएं!

अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।

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