इमिग्रेशन बिल 2025 पास: भारत में अशांति फैलाने वालों की एंट्री पर लगा बड़ा बैन!

By Pragati Tomer

🕒 Published 4 months ago (6:19 AM)

इमिग्रेशन बिल 2025 पास: भारत में अशांति फैलाने वालों की एंट्री पर लगा बड़ा बैन!

नई दिल्ली: इमिग्रेशन बिल 2025 पास हो चुका है, और इसके साथ ही देश में अशांति फैलाने वालों की एंट्री पर बड़ा बैन लगा दिया गया है। इस बिल ने भारतीय राजनीति और सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया और बड़ी ध्वनिमत से इसे पास कराया गया। इस नए कानून का उद्देश्य देश की सुरक्षा को मजबूत करना और उन विदेशी नागरिकों पर रोक लगाना है जो देश में अशांति फैलाने के इरादे से आते हैं।

क्या है इमिग्रेशन बिल 2025?

इमिग्रेशन बिल 2025 एक ऐसा विधेयक है जो देश की सीमा सुरक्षा और इमिग्रेशन से जुड़े पुराने कानूनों को बदलकर नए सख्त प्रावधानों को लागू करता है। इसके तहत, भारत में अशांति फैलाने के उद्देश्य से आने वाले किसी भी विदेशी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, यह बिल उन खतरनाक तत्वों को रोकने का काम करेगा जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।

क्यों है यह बिल इतना अहम?

इमिग्रेशन बिल 2025 पास होने के पीछे का मुख्य उद्देश्य देश की सीमाओं को और मजबूत बनाना है। भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में इमिग्रेशन के मुद्दे हमेशा से संवेदनशील रहे हैं। पुराने कानूनों में कुछ खामियां थीं, जिनका फायदा उठाकर अशांति फैलाने वाले विदेशी आसानी से देश में घुसपैठ कर जाते थे। लेकिन इस नए बिल के जरिए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि केवल उन्हीं विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश मिलेगा जो सही और वैध उद्देश्य से आ रहे हैं।

गृह मंत्री का बड़ा बयान

गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जोर देकर कहा कि “भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां कोई भी आकर रह सके।” यह बयान स्पष्ट रूप से बताता है कि सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है। शाह ने कहा कि अब से जो भी विदेशी राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा होगा, उसे देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इमिग्रेशन बिल 2025 पास

बिल में क्या नए प्रावधान हैं?

इमिग्रेशन बिल 2025 पास होने के साथ ही पुराने चार कानूनों को खत्म कर 36 नई धाराओं को लागू किया गया है। इन धाराओं के तहत विदेशी नागरिकों के आगमन, उनके निवास और उनके उद्देश्यों की सख्त जांच की जाएगी। इस नए कानून के अनुसार:

  1. विदेशी नागरिकों की गहन स्क्रीनिंग की जाएगी।

  2. अगर कोई विदेशी नागरिक देश की सुरक्षा या सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बनता है, तो उसे तुरंत देश छोड़ने का आदेश दिया जाएगा।

  3. किसी भी घुसपैठिए को पकड़ने पर उसे सख्त सजा दी जाएगी।

  4. विदेशियों के निवास की अवधि और उनके उद्देश्य की स्पष्ट जानकारी रखी जाएगी।

  5. अंतरराष्ट्रीय संधियों और मानकों का पालन करते हुए भी राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि होगी।

अशांति फैलाने वालों की अब नहीं होगी दाल गलने

बिल के लागू होने के बाद उन लोगों के लिए भारत में प्रवेश करना और मुश्किल हो जाएगा जो देश में हिंसा, अशांति या अन्य किसी भी तरह की नकारात्मक गतिविधियों में लिप्त होते हैं। इमिग्रेशन बिल 2025 पास ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में अब ऐसे लोगों की कोई जगह नहीं है जो देश की शांति और स्थिरता को भंग करने का इरादा रखते हैं।

विदेशी निवेशकों और छात्रों को राहत

जहां एक ओर यह बिल अशांति फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान करता है, वहीं दूसरी ओर वैध उद्देश्यों से आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। बिजनेस, शिक्षा और रिसर्च जैसे वैध उद्देश्यों के लिए आने वाले विदेशियों का स्वागत किया जाएगा। गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सही इरादों से आने वालों के लिए यह बिल किसी भी प्रकार की रुकावट पैदा नहीं करेगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, इमिग्रेशन बिल 2025 पास होने के बाद विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस बिल को जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) को भेजने की मांग की, ताकि इसके संतुलन और संभावित दुरुपयोग पर विचार किया जा सके। तिवारी का मानना है कि इस बिल के कुछ प्रावधानों में सरकारी अधिकारियों को अधिक शक्ति दी जा रही है, जिसका दुरुपयोग होने की संभावना हो सकती है।

बिल पर ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल का मुद्दा

गृह मंत्री ने बिल पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। शाह ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार की नीतियों के कारण बांग्लादेशी घुसपैठिए आसानी से भारत में प्रवेश कर जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि घुसपैठियों को आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज़ देने में पश्चिम बंगाल सरकार का हाथ है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव

इस बिल के पास होने से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को और भी मजबूत किया जा सकेगा। देश की सीमाओं पर बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य घुसपैठियों की संख्या में कमी आएगी। इसके अलावा, यह बिल सरकार को विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की अनुमति देगा, जिससे देश के आंतरिक सुरक्षा तंत्र को और मजबूत किया जा सकेगा।

सरकार की भविष्य की योजनाएं

इमिग्रेशन बिल 2025 पास होने के बाद सरकार का अगला लक्ष्य देश को 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक विकसित देश बनाना है। इसके लिए सरकार ने इमिग्रेशन और सुरक्षा नीतियों में सख्ती करने का फैसला लिया है, ताकि देश में अशांति फैलाने वाले बाहरी तत्वों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।

अशांति फैलाने वालों के लिए सरकार का कड़ा संदेश

इस बिल के माध्यम से सरकार ने यह संदेश दिया है कि भारत की शांति और स्थिरता के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे वह विदेशी घुसपैठिए हों या अन्य किसी देश से आने वाले अशांति फैलाने वाले तत्व, उन्हें अब भारत की सीमा में घुसने का मौका नहीं मिलेगा।

समाप्ति

इमिग्रेशन बिल 2025 पास होने के साथ ही देश की सुरक्षा और स्थिरता को और मजबूत किया गया है। यह बिल न केवल अशांति फैलाने वालों पर रोक लगाएगा, बल्कि सही और वैध उद्देश्यों से आने वालों के लिए रास्ते खोलेगा। देश के नागरिकों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत की सीमाएं और भी सुरक्षित होंगी।

इमिग्रेशन बिल 2025 पास के साथ ही यह स्पष्ट हो चुका है कि अब देश में घुसपैठ और अशांति फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।

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