🕒 Published 1 month ago (8:45 AM)
नई दिल्ली। UGC की डिफॉल्टर सूची में IIT-Bombay, IIM-Rohtak समेत देश के 89 संस्थान, एंटी-रैगिंग नियमों की अनदेखी पर चेतावनी
चार IIT, तीन IIM और अन्य प्रतिष्ठित संस्थान एंटी-रैगिंग अनुपालन में विफल
यूजीसी (University Grants Commission) ने देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों को झटका देते हुए 89 यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को डिफॉल्टर घोषित किया है। इन संस्थानों में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईएम रोहतक और आईआईएम तिरुचिरापल्ली जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। ये संस्थान यूजीसी द्वारा निर्धारित एंटी-रैगिंग गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं।
एंटी-रैगिंग शपथ-पत्र नहीं जमा करने पर शो-कॉज नोटिस
यूजीसी के अनुसार, इन संस्थानों ने छात्र और उनके अभिभावकों से अनिवार्य एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग (शपथ-पत्र) जमा नहीं कराए हैं। यही नहीं, इन पर कई बार निर्देश जारी होने और निगरानी एजेंसी की ओर से फॉलोअप के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई।
डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल प्रमुख संस्थान:
IIT Bombay
IIT Kharagpur
IIT Palakkad
IIT Hyderabad
IIM Rohtak
IIM Tiruchirappalli
IIM Mumbai (पूर्व में NITIE)
अन्य प्रतिष्ठित संस्थान:
इनके अलावा AIIMS रायबरेली, NID (दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा), IGNOU, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, नालंदा यूनिवर्सिटी, इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता और NIPER हैदराबाद जैसे संस्थान भी डिफॉल्टर सूची में शामिल हैं।
UGC सचिव की चेतावनी
यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने कहा कि “ऐसे संस्थानों ने न केवल नियमों की अनदेखी की है बल्कि छात्रों की सुरक्षा के साथ भी समझौता किया है। रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए सभी संस्थानों का एंटी-रैगिंग विनियम 2009 का पालन करना अनिवार्य है।”
30 दिन में नियम पालन नहीं करने पर होगी कड़ी कार्रवाई
यूजीसी ने साफ किया है कि अगर अगले 30 दिनों में नियमों का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित संस्थानों की मान्यता रद्द करने से लेकर फंडिंग और रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
रैगिंग से छात्र सुरक्षा को खतरा
रैगिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि और छात्रों में मानसिक तनाव को देखते हुए यह नियम बेहद जरूरी माने जाते हैं। यूजीसी का कहना है कि छात्रों और उनके परिवारों से हर सत्र के आरंभ में एंटी-रैगिंग शपथ-पत्र लिया जाना जरूरी है।