कोलकाता में IIM छात्रा से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार – कुछ दिन पहले लॉ छात्रा से गैंगरेप का मामला भी आया था सामने

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By Hindustan Uday

🕒 Published 3 weeks ago (1:20 PM)

कोलकाता: राजधानी कोलकाता से एक बार फिर छात्रा से रेप की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। ताजा मामला प्रतिष्ठित IIM संस्थान के हॉस्टल का है, जहां एक छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच तेज़ कर दी गई है।

पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, छात्रा को काउंसलिंग सेशन के नाम पर हॉस्टल में बुलाया गया था। आरोप है कि वहां उसे नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश किया गया और फिर उसके साथ बलात्कार किया गया। पीड़िता ने पुलिस को यह भी बताया कि आरोपी ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने घटना की जानकारी किसी को दी, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

यह घटना शुक्रवार की बताई जा रही है और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया है।

लॉ कॉलेज गैंगरेप मामला भी बना चिंता का कारण
इस घटना के कुछ ही दिन पहले कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में भी एक छात्रा से गैंगरेप की खबर सामने आई थी। उस मामले में मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा उर्फ ‘मैंगो मिश्रा’ समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मोनोजीत मिश्रा पर पहले से ही चोरी, छेड़खानी और रेप जैसे 11 मामले दर्ज हैं।

सूत्रों का दावा है कि उसे हर बार आसानी से जमानत मिल जाती थी, जिससे वह लगातार अपराध करता रहा। राजनीतिक संरक्षण और उसकी हिंसक प्रवृत्ति ने उसे एक हिस्ट्रीशीटर बना दिया है।

ऐसे पकड़ा गया ‘मैंगो मिश्रा’
25 जून को लॉ कॉलेज छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के बाद मोनोजीत ने अपने कुछ करीबी साथियों को कॉलेज में ही छोड़कर कासबा पुलिस स्टेशन की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा। फिर वह प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद के साथ वहां से निकल गया। अगले दिन उसने कॉलेज के एक अधिकारी को फोन कर पुलिस की मौजूदगी के बारे में पूछा। प्रमित ने एक वकील से भी संपर्क किया, लेकिन किसी तरह की मदद नहीं मिल सकी।

बढ़ते यौन अपराधों पर उठे सवाल
लगातार हो रही इन घटनाओं ने कोलकाता में छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस तरह की घटना का होना न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर करता है। पुलिस इन मामलों की गंभीरता से जांच कर रही है, लेकिन दोहराए जा रहे अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है।

यह घटनाएं इस बात की चेतावनी हैं कि छात्रावासों और शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा के मानकों को फिर से परिभाषित करना आवश्यक हो गया है।

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