🕒 Published 2 months ago (2:18 AM)
दिल्ली 22 अप्रैल 2025। बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर शिलादित्य बोस और उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर मधुमिता के साथ सरेआम हुई मारपीट के मामले में अब एक नया मोड़ देखने को मिला है। घटना से जुड़ा एक ताजा वीडियो सामने आया है, जिसमें विंग कमांडर खुद कॉल सेंटर कर्मचारी की जमकर पिटाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस वीडियो के सामने आने के बाद मामला और अधिक चर्चा का विषय बन गया है। शुरू में यह बताया गया था कि विंग कमांडर और उनकी पत्नी को सड़क पर बाइक सवार ने धमकाया और उन पर हमला किया। अब जो दृश्य सामने आया है, उसमें यह स्पष्ट हो रहा है कि अधिकारी ने भी पलटवार किया था।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 18 अप्रैल को बेंगलुरु के रमन नगर क्षेत्र की है, जब विंग कमांडर शिलादित्य बोस डीआरडीओ से एयरपोर्ट जा रहे थे। रास्ते में एक बाइक सवार के साथ उनका विवाद हो गया, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गया। बाद में विंग कमांडर ने सोशल मीडिया के जरिए घटना की जानकारी साझा की, और उनकी पत्नी ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को हिरासत में लिया। युवक की पहचान एक कॉल सेंटर कर्मचारी के रूप में हुई है।
वायरल वीडियो में नया खुलासा
अब जो वीडियो सामने आया है, उसमें विंग कमांडर खुद भी हमलावर युवक पर हाथ साफ करते नजर आ रहे हैं। यह दृश्य मामले को एक नया एंगल दे रहा है और सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस तेज हो गई है।
वायुसेना और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद भारतीय वायुसेना ने बयान जारी करते हुए बताया कि विंग कमांडर एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं और उनकी पत्नी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) से जुड़ी हुई हैं। वायुसेना ने स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है और स्थानीय प्रशासन के साथ पूरा सहयोग कर रही है।
Here is the CCTV footage of today’s road rage incident in Bengaluru, where a DRDO officer is seen mercilessly beating a Swiggy delivery boy. While it’s unclear who initiated the fight, the video clearly shows the officer physically assaulting the delivery agent.#bangalore… https://t.co/IfuTccWSyd pic.twitter.com/By6B6DXFmI
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) April 21, 2025
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक सैन्य अधिकारी देश के अलग-अलग हिस्सों में सेवा देता है, और यदि हर बार उसे क्षेत्रीय भाषा सीखने की अपेक्षा की जाएगी, तो यह उसके लिए अन्यायपूर्ण होगा। उन्होंने बेंगलुरु को एक शांतिप्रिय शहर बताया और सवाल उठाया कि क्या एक सैनिक को राष्ट्र के लिए जान देने से पहले भाषा की परीक्षा देनी चाहिए?
आगे की कार्रवाई पर नजर
फिलहाल इस केस में जांच जारी है। पुलिस सभी वीडियो फुटेज खंगाल रही है और दोनों पक्षों की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।