इस साल साहित्य का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Literature 2025) हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्जलो क्रास्नाहॉर्कई (Laszlo Krasznahorkai) को दिया गया है। स्वीडिश एकेडमी ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि लास्जलो की रचनाएं “गहरी, प्रभावशाली और दूरदर्शी” हैं, जो आतंक और डर से भरी दुनिया में भी कला की ताकत को उजागर करती हैं।
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पुरस्कार वितरण समारोह 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में
नोबेल सम्मान के तहत लास्जलो को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (करीब 10.3 करोड़ रुपए), एक सोने का मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। पुरस्कार वितरण समारोह 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित किया जाएगा।नोबेल सम्मान के तहत लास्जलो को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (करीब 10.3 करोड़ रुपए), एक सोने का मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। पुरस्कार वितरण समारोह 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित किया जाएगा।
2015 में मैन बुकर इंटरनेशनल प्राइज
इससे पहले लास्जलो क्रास्नाहॉर्कई को 2015 में मैन बुकर इंटरनेशनल प्राइज और 2019 में नेशनल बुक अवॉर्ड फॉर ट्रांसलेटेड लिटरेचर भी मिल चुका है।इससे पहले लास्जलो क्रास्नाहॉर्कई को 2015 में मैन बुकर इंटरनेशनल प्राइज और 2019 में नेशनल बुक अवॉर्ड फॉर ट्रांसलेटेड लिटरेचर भी मिल चुका है।
दार्शनिक कहानियों के मास्टर
लास्जलो क्रास्नाहॉर्कई हंगरी के सबसे प्रतिष्ठित समकालीन लेखकों में से एक हैं। उनकी कहानियां गहराई से भरी होती हैं, जिनमें मानवता, अराजकता और आधुनिक समाज के संकटों की झलक मिलती है।
उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब ‘सतांटैंगो’ (Satantango) वर्ष 1985 में प्रकाशित हुई थी। यह उपन्यास एक छोटे से गांव के गरीब लोगों की टूटी उम्मीदों और धोखे की कहानी पर आधारित है। इस पर 1994 में 7 घंटे लंबी फिल्म भी बनाई गई थी, जो विश्व सिनेमा में एक कल्ट क्लासिक मानी जाती है।उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब ‘सतांटैंगो’ (Satantango) वर्ष 1985 में प्रकाशित हुई थी। यह उपन्यास एक छोटे से गांव के गरीब लोगों की टूटी उम्मीदों और धोखे की कहानी पर आधारित है। इस पर 1994 में 7 घंटे लंबी फिल्म भी बनाई गई थी, जो विश्व सिनेमा में एक कल्ट क्लासिक मानी जाती है।
इसके अलावा उनकी प्रसिद्ध किताब ‘The Melancholy of Resistance’ पर भी फिल्म बनाई जा चुकी है, जो उनके दार्शनिक और गहरे लेखन को और मजबूती से दर्शाती है।इसके अलावा उनकी प्रसिद्ध किताब ‘The Melancholy of Resistance’ पर भी फिल्म बनाई जा चुकी है, जो उनके दार्शनिक और गहरे लेखन को और मजबूती से दर्शाती है।
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