🕒 Published 3 weeks ago (6:52 AM)
Humanitarian Crisis in Gaza: गाजा पट्टी में जारी संघर्ष ने अब मानवीय संकट का विकराल रूप धारण कर लिया है। अब यहां बमों और मिसाइलों से पहले भूख लोगों की जान ले रही है। कभी राहत की उम्मीद लेकर आने वाले ट्रक अब मौत के मैदान में बदल चुके हैं, क्योंकि भूख से बेहाल भीड़ पहुंचते ही उन पर टूट पड़ती है और पल भर में राशन, पानी और दवाइयों से लदा सामान लूट लिया जाता है। गाजा में हालात इतने नाजुक हो गए हैं कि बच्चों के पास रोटी नहीं, माओं के पास आंसू नहीं, और बड़ों के पास कोई उम्मीद बाकी नहीं बची है।
गाजा हुआ बदहाल: भुखमरी की कगार पर लाखों लोग
संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा के मौजूदा हालात को “सबसे बुरा समय” बताया है। उन्होंने इज़रायल से राहत सामग्री के ट्रकों को न रोकने की गुजारिश की है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बीते शुक्रवार को इज़रायली हमलों में कम से कम 71 लोग मारे गए, दर्जनों घायल हुए और कई लापता हैं। राहत ट्रकों की राह देखती आंखें अब पथरा चुकी हैं। गाजा की गलियों में सिर्फ मलबा ही नहीं पड़ा, वहां उम्मीद की कब्रें भी खुद चुकी हैं, जहां मां-बाप अपनी भूख से नहीं, अपनी बेबसी से टूट चुके हैं।
इज़रायली वायुसेना ने दावा किया है कि उन्होंने आतंकवादियों के 75 से ज़्यादा ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है, लेकिन जब अस्पताल, स्कूल और रिफ्यूजी कैंप भी मलबे में बदल जाएं, तो सवाल उठता है कि असली निशाना क्या है?
जंग अब पेट और जान की लड़ाई: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
गाजा की यह लड़ाई अब सिर्फ सरहदों की नहीं, बल्कि जिंदगी और जरूरतों की लड़ाई बन चुकी है। जब ज़रूरत रोटी और पानी की हो, तो जवाब हथियारों से नहीं, इंसानियत से देना चाहिए। बीते 19 महीनों से जारी यह जंग अब सिर्फ गोलियों और मिसाइलों की नहीं, बल्कि पेट और जान के बीच की लड़ाई बन चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट बताती है कि गाजा में करीब 5 लाख लोग भुखमरी के कगार पर हैं और अगर हालात नहीं बदले, तो हर पांच में से एक शख्स इस संकट का शिकार हो सकता है। इसका मतलब है कि गाजा में करीब 21 लाख लोग अकाल जैसी स्थिति में आ सकते हैं।
गोदाम भरे, फिर भी गाजा में भूख: UN और यूरोप की चिंता
इस कहानी की एक दूसरी तस्वीर भी है। UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) के मुताबिक, गाजा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर इज़रायल, मिस्र और जॉर्डन के गोदामों में जरूरी खाद्य सामग्री भरी पड़ी है, लेकिन गाजा के अंदर WFP के गोदाम खाली हैं। यहां ज्यादातर बेकरियां और दान से चलने वाले किचन बंद हो चुके हैं। UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के डायरेक्टर एंटोनी रेनार्ड के मुताबिक, वे पहले 10 लाख लोगों को खाना देते थे, लेकिन अब मुश्किल से 2 लाख तक ही पहुंच पा रहे हैं।
हालात को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय देशों ने इज़रायल से गाजा पट्टी में भुखमरी और अकाल की स्थितियों से निपटने के लिए खाद्य सामग्री पहुंचाने पर लगी रोक को जल्द खत्म करने की मांग की है। हालांकि, इन मांगों को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 13 मई को दिए एक बयान में कहा कि वे हमास को खत्म करने के लिए यह जंग जारी रखेंगे।