📅 आज का पंचांग (11 जुलाई 2025, शुक्रवार)
तिथि: श्रावण कृष्ण पक्ष की द्वितीया
वार: शुक्रवार
नक्षत्र: श्रवण नक्षत्र
योग: शुभ
सूर्योदय: प्रातः 5:28 बजे
सूर्यास्त: सायं 7:12 बजे
चंद्रमा का गोचर: मकर राशि में
राहुकाल: दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 12:04 से 12:58 बजे तक
🌿 सावन मास का विशेष महत्व
सावन के पवित्र महीने का पहला शुक्रवार आज है। यह दिन माता लक्ष्मी और भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और भोलेनाथ को जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
🔱 आज का शिव पूजन मुहूर्त
प्रातः पूजन का मुहूर्त: 6:00 AM – 8:00 AM
अभिषेक का उत्तम समय: 12:04 PM – 12:58 PM (अभिजीत मुहूर्त)
संध्या पूजन का समय: 6:45 PM – 8:00 PM
🌟 12 राशियों का राशिफल
🐏 मेष (Aries):
सावन में शिव पूजन आपके लिए मानसिक शांति लाएगा। यात्रा का योग बन रहा है।
उपाय: शिवलिंग पर शहद अर्पित करें।
🐂 वृषभ (Taurus):
नया काम शुरू करने के लिए दिन शुभ है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा।
उपाय: गौरी-शंकर को जल चढ़ाएं।
👫 मिथुन (Gemini):
स्वास्थ्य को लेकर सावधानी रखें। संतान से सुख मिलेगा।
उपाय: शिव चालीसा का पाठ करें।
🦀 कर्क (Cancer):
आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मन शांत रहेगा।
उपाय: दूध में चावल मिलाकर शिव को अर्पित करें।
🦁 सिंह (Leo):
व्यवसाय में लाभ होगा। पार्टनर से सहयोग मिलेगा।
उपाय: बेलपत्र पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर चढ़ाएं।
👧 कन्या (Virgo):
अचानक धन लाभ के संकेत हैं। घर में मांगलिक कार्य संभव।
उपाय: दुग्धाभिषेक करें और “महामृत्युंजय मंत्र” जपें।
⚖ तुला (Libra):
विद्यार्थियों को सफलता मिलेगी। सामाजिक मान-सम्मान बढ़ेगा।
उपाय: शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं।
🦂 वृश्चिक (Scorpio):
नौकरी में प्रमोशन के योग हैं। व्यर्थ की चिंता न करें।
उपाय: काले तिल जल में डालकर अर्पित करें।
🏹 धनु (Sagittarius):
सावन का पहला शुक्रवार नई ऊर्जा लाएगा। आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी।
उपाय: शिव मंदिर में दीपक जलाएं।
🐐 मकर (Capricorn):
चंद्रमा आपकी राशि में है, मानसिक शांति और निर्णय में स्पष्टता रहेगी।
उपाय: भगवान शिव को भस्म चढ़ाएं।
🏺 कुंभ (Aquarius):
कुछ भावनात्मक उलझनें रहेंगी, लेकिन शाम तक सब शांत होगा।
उपाय: शिव को दही और घी चढ़ाएं।
🐟 मीन (Pisces):
संतान से सुख मिलेगा। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी।
उपाय: शिव को केसर मिश्रित जल अर्पित करें।
🛑 नोट: सावन के पवित्र माह में हर शुक्रवार व्रत रखने से देवी लक्ष्मी और शिव दोनों की कृपा प्राप्त होती है। व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए दिनभर व्रत रखना चाहिए और संध्या के समय भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए।
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