होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, भाईचारे और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। भारत में होली को अलग-अलग नामों और अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। हर राज्य में होली के जश्न का तरीका और परंपराएं अलग होती हैं, जो इस त्योहार को और भी खास बनाती हैं। इस लेख में हम भारत के विभिन्न हिस्सों में होली कैसे मनाई जाती है, उसके अलग-अलग नाम और रीति-रिवाजों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
होली का महत्व और परंपरा
होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो भक्त प्रह्लाद और होलिका की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। देशभर में यह त्योहार अपने अनूठे रंगों और उल्लास से मनाया जाता है। होली का पहला दिन होलिका दहन का होता है, जहां बुराई को जलाने की परंपरा निभाई जाती है, और दूसरे दिन रंगों के साथ खुशियों का पर्व मनाया जाता है।
भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाई जाने वाली होली
भारत के विभिन्न राज्यों में होली अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाई जाती है। आइए जानते हैं कि कहां किस तरह से यह त्योहार मनाया जाता है:
1. ब्रज की लठमार होली (उत्तर प्रदेश)
ब्रज की होली पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, खासकर बरसाना और नंदगांव में मनाई जाने वाली लठमार होली। इस अनोखी होली में महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारती हैं, जबकि पुरुष खुद को बचाने की कोशिश करते हैं। यह परंपरा भगवान कृष्ण और राधा के समय से जुड़ी हुई मानी जाती है।

2. मथुरा-वृंदावन की फूलों की होली
भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा और वृंदावन में होली का खास महत्व है। यहां बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली खेली जाती है, जहां रंगों के बजाय गुलाब, गेंदा और अन्य फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जाती हैं। यह होली देखने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
3. धुलंडी होली (हरियाणा)
हरियाणा में होली को धुलंडी के रूप में मनाया जाता है। इसे विशेष रूप से भाभी-देवर की होली कहा जाता है, जहां शादीशुदा महिलाएं अपने देवरों के साथ मजाक करती हैं और उन पर रंग डालती हैं। यह हंसी-मजाक से भरा त्योहार होता है।
4. होला मोहल्ला (पंजाब)
पंजाब में होली का त्योहार होला मोहल्ला के रूप में मनाया जाता है। इसे सिखों का पारंपरिक पर्व माना जाता है, जो आनंदपुर साहिब में खास धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें घुड़सवारी, तलवारबाजी और मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया जाता है।
5. गेर और बाल्टी होली (राजस्थान)
राजस्थान के जयपुर और उदयपुर में होली गेर नृत्य और रंगारंग आयोजनों के साथ मनाई जाती है। बीकानेर में बाल्टी होली का चलन है, जहां लोग एक-दूसरे पर पानी से भरी बाल्टियां उड़ेलते हैं और उत्सव मनाते हैं।
6. शिमगो (गोवा की होली)
गोवा में होली को शिमगो के नाम से जाना जाता है। यह गोवा के हिंदू समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। यहां होली के दौरान पारंपरिक संगीत, लोक नृत्य और ढोल-नगाड़ों की धुन पर जश्न मनाया जाता है।
7. खासी होली (मेघालय)
मेघालय में रहने वाली खासी जनजाति होली को अपने पारंपरिक अंदाज में मनाती है। यहां होली के दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोग पारंपरिक कपड़े पहनकर नृत्य करते हैं।
8. पश्चिम बंगाल की दोल जात्रा
पश्चिम बंगाल में होली को दोल जात्रा के रूप में मनाया जाता है। इसमें राधा-कृष्ण की मूर्तियों को पालकी में सजाकर नगर भ्रमण कराया जाता है। रंगों की बौछार और भजन-कीर्तन के साथ यह उत्सव मनाया जाता है।
9. मनिपुर की याओसांग होली
मनिपुर में होली को याओसांग नाम से मनाया जाता है, जो पूरे छह दिन तक चलता है। यहां पारंपरिक थबल चोंगबा नृत्य के साथ होली मनाई जाती है।
10. बिहार की फगुआ होली
बिहार में होली को फगुआ के नाम से जाना जाता है। यहां होली के दिन पारंपरिक फगुआ गीत गाए जाते हैं और खूब मस्ती की जाती है। लोग लाठी और ढोलक के साथ नृत्य करते हैं।

11. महाराष्ट्र की रंगपंचमी
महाराष्ट्र में होली को रंगपंचमी के रूप में मनाया जाता है। यहां खासकर मछुआरों के समुदाय में होली बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
12. गुजरात की होली और हुताशनी पर्व
गुजरात में होली के दिन हुताशनी पर्व मनाया जाता है, जिसमें अग्नि के चारों ओर घूमकर पूजा की जाती है। इसके अगले दिन रंग खेला जाता है।
होली 2025: आधुनिक दौर में त्योहार की महत्ता
समय के साथ होली के रंग भी बदल गए हैं। अब प्राकृतिक रंगों और जल संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ी है। विभिन्न राज्यों में होली के आयोजनों में पर्यावरण के अनुकूल रंगों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, डिजिटल माध्यम से भी लोग इस त्योहार की शुभकामनाएं भेजते हैं।
भारत में होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर है। हर राज्य में इसे अलग तरीके से मनाया जाता है, जो भारत की विविधता को दर्शाता है। चाहे ब्रज की लठमार होली हो या पंजाब का होला मोहल्ला, हर जगह की होली की अपनी अलग पहचान है। यह त्योहार हमें प्रेम, भाईचारे और उल्लास का संदेश देता है।
होली 2025 में आप भी इन विभिन्न परंपराओं का हिस्सा बन सकते हैं और इस रंग-बिरंगे उत्सव को पूरे उत्साह के साथ मना सकते हैं। रंगों और खुशियों से भरी इस होली को पूरे जोश और उल्लास के साथ मनाएं!
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