करनाल। हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा आज करनाल पहुंचे, जहां उन्होंने एक सेब फार्म का दौरा किया और खुद सेबों का स्वाद लेकर वहां की खेतीबाड़ी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह फार्म राज्य की कृषि में हो रहे बदलावों का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि यहां उगाई जा रही सेब की वैरायटी गर्मियों में तैयार होती है, जबकि आमतौर पर हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में सेब सर्दियों में पकते हैं।
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परंपरागत खेती छोड़ नवाचार की ओर बढ़ते किसान
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्रोत्साहन नीति के चलते अब किसान पारंपरिक खेती छोड़कर ऑर्गेनिक और बागवानी खेती की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा,
“आज हरियाणा के किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाकर दूसरों के लिए मिसाल बन रहे हैं।”
खासतौर पर जिन क्षेत्रों में खारा पानी है, वहां मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य के उत्कृष्टता केंद्रों में लगातार प्रयोग किए जा रहे हैं ताकि यह तय किया जा सके कि किस इलाके में कौन सी फसल या बागवानी सबसे बेहतर परिणाम दे सकती है।
कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग पर चेतावनी
श्याम सिंह राणा ने किसानों से अपील की कि वे खेती में अत्यधिक पेस्टीसाइड और यूरिया का उपयोग न करें, ताकि मिट्टी की उर्वरता और फसलों की गुणवत्ता बनी रहे।
अब डिजिटल होगा यूरिया वितरण: कालाबाजारी पर लगेगी लगाम
यूरिया वितरण से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा में यूरिया की कोई कमी नहीं है, लेकिन अब डिजिटल सिस्टम लागू किया जा रहा है ताकि सिर्फ जरूरतमंद किसान ही इसका लाभ उठा सकें।
उन्होंने बताया कि ‘मेरी फसल- मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के माध्यम से किसानों की ज़मीन और फसल की जानकारी के आधार पर ही यूरिया खाद उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा,
“जैसे राशन वितरण को फैमिली आईडी से जोड़ा गया है, उसी तरह खाद वितरण को भी तकनीक से जोड़कर पारदर्शिता लाई जा रही है।”


