Harvard University international student restrictions : हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक, ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने एक और कड़ा कदम उठाते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले की पात्रता को रद्द कर दिया है। इस फैसले का असर उन हजारों छात्रों पर पड़ने वाला है जो अमेरिका में उच्च शिक्षा की उम्मीद के साथ हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं।

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हाल ही में लिए गए इस निर्णय के बाद, अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में नए विदेशी छात्रों को एडमिशन नहीं दिया जा सकेगा। इसके अलावा वर्तमान में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को भी वहां से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मौजूदा विदेशी छात्रों पर क्या होगा असर
इस निर्णय के बाद लगभग 6,800 विदेशी छात्र प्रभावित होंगे जो वर्तमान में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। इनमें से 788 छात्र भारत से हैं। बताया जा रहा है कि यदि हार्वर्ड प्रशासन 72 घंटों के भीतर सभी विदेशी छात्रों की विस्तृत जानकारी अमेरिकी सरकार को नहीं देता है, तो विश्वविद्यालय का स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) रद्द हो जाएगा।

जो छात्र पहले से दाखिल हैं, उन्हें या तो किसी अन्य मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी में स्थानांतरित होना होगा या फिर अमेरिका छोड़ना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनके वीजा रद्द किए जा सकते हैं।

एडमिशन पात्रता रद्द करने की वजह क्या है?
सूत्रों के अनुसार, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) के बीच बीते कुछ महीनों से छात्रों के रिकॉर्ड को लेकर विवाद चल रहा था। DHS ने विश्वविद्यालय को 30 अप्रैल तक अवैध रूप से रह रहे छात्रों और अन्य विवादास्पद मामलों का पूरा डेटा उपलब्ध कराने की चेतावनी दी थी।

हालांकि हार्वर्ड ने कुछ जानकारियां साझा की थीं, लेकिन ट्रंप प्रशासन उस डेटा से संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद SEVP सर्टिफिकेशन रद्द कर दिया गया, जो विदेशी छात्रों को एडमिशन देने की कानूनी पात्रता देता है।

DHS की भूमिका और असर
अमेरिका का होमलैंड सिक्योरिटी विभाग SEVP प्रोग्राम को संचालित करता है। यही विभाग विदेशी छात्रों के लिए वीजा से जुड़े दस्तावेज जारी करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। अगर किसी यूनिवर्सिटी का SEVP सस्पेंड हो जाता है, तो वह विदेशी छात्रों को एडमिट करने की वैधता खो देती है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इसके कुल छात्रों में लगभग 27% विदेशी छात्र शामिल होते हैं।

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