डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने 19 सितंबर 2025 को H‑1B वीज़ा शुल्क बढ़ाने और लौटने की कड़ी समयसीमा लागू करने की घोषणा की। इससे भारतीय टेक प्रोफेशनल्स में घबराहट फैल गई। कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जल्दी अमेरिका लौटने का निर्देश दिया। उसी समय इंटरनेट पर एक असामान्य अभियान उभरा, जिसे “Clog the Toilet” कहा गया।
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‘Clog the Toilet’ अभियान क्या था?
फार‑राइट नेटवर्क्स के कुछ यूजर्स ने एयरलाइन और बुकिंग वेबसाइट्स पर जानबूझकर टिकट खोजने और चेकआउट तक जाने, लेकिन बुकिंग पूरी न करने की योजना बनाई। इसका मकसद भारत से अमेरिका लौटने वाले H‑1B धारकों की टिकट बुकिंग मुश्किल बनाना था। इस अभियान को 4chan जैसे फोरम पर फैलाया गया।
नफ़रत और डर फैलाना लक्ष्य
विशेषज्ञों के अनुसार यह अभियान न सिर्फ तकनीकी व्यवधान पैदा करता है बल्कि भारतीय यात्रियों में डर और घबराहट भी फैलाता है। 4chan जैसे प्लेटफॉर्म्स लोगों को उग्र विचारधारा की ओर धकेल सकते हैं।
एयरलाइंस और यात्रियों का अनुभव
कई भारतीय वर्कर्स को बार‑बार टिकट बुक करने में कठिनाई हुई। उदाहरण के लिए टेक पेशेवर अमृथा तमनम ने बताया कि उन्हें अंत में महंगी टिकट लेनी पड़ी। एअर इंडिया ने हालांकि AFP को बताया कि उनकी वेबसाइट पर कोई बड़ा व्यवधान नहीं देखा गया।
नीति और परिणाम
H‑1B फीस बढ़ने और तात्कालिक समयसीमा के कारण कई कंपनियों ने कर्मचारियों को शीघ्र लौटने का आदेश दिया। इससे टिकटों की मांग बढ़ गई और कीमतें भी अधिक हुईं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी नीतियाँ और ऑनलाइन शरारतें वैश्विक टैलेंट मूवमेंट को प्रभावित कर सकती हैं।
संगठित अभियान का असर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह अभियान जानबूझकर फैलाया गया था। कानून प्रवर्तन और प्लेटफॉर्म टेक्निकल फोरेंसिक्स के माध्यम से ही इसके प्रभाव और अपराधीकरण का सही आकलन संभव होगा।
भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए सलाह
प्रभावित लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा रखें, अफवाहों पर विश्वास न करें, और टिकट बुकिंग में सावधानी बरतें। प्लेटफॉर्म्स को भी इस तरह के पैटर्न पहचान कर रोकने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
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