🕒 Published 1 month ago (2:53 PM)
अहमदाबाद। Gujarat Bypolls Updates: विसावदर उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की बड़ी जीत के महज 72 घंटे बाद पार्टी को गुजरात से करारा झटका लगा है। बोटाद से आप विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उन्होंने विधायक पद और पार्टी सदस्यता नहीं छोड़ी है और खुद को AAP कार्यकर्ता बताते हुए जनता के बीच सक्रिय रहने की बात कही है।
‘AAP अब अंबेडकर-भगत सिंह के रास्ते से भटक गई है’
मीडिया से बातचीत में उमेश मकवाना ने इस्तीफे की वजह पार्टी की विचारधारा में आई गिरावट को बताया। उन्होंने कहा,
“जब गुजरात में कोई AAP को जानता तक नहीं था, तब मैंने बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी का साथ दिया। मैं चाहता था कि अंबेडकर और भगत सिंह के विचारों को जमीनी स्तर तक ले जाया जाए, लेकिन अब पार्टी उसी रास्ते पर चल रही है जिस पर बीजेपी चलती रही है। पिछड़े, दलित और आदिवासी समुदाय की उपेक्षा हो रही है, इसलिए मैंने सारे पद छोड़ दिए हैं।”
‘अब बोटाद की जनता से पूछकर आगे का फैसला करूंगा’
मकवाना ने कहा कि वे जल्द ही अपने समर्थकों और समाज के लोगों से मिलकर यह तय करेंगे कि आगे की राजनीतिक दिशा क्या होगी।
“मैं नई पार्टी बनाऊं या किसी पार्टी में जाऊं, यह बोटाद की जनता तय करेगी। बीजेपी में वापसी का कोई सवाल नहीं है, लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़ने या नया राजनीतिक मंच बनाने का विकल्प खुला है।”
गोपाल इटालिया की बढ़ती अहमियत से खफा?
राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि विसावदर उपचुनाव में गोपाल इटालिया की जीत के बाद गुजरात में उनकी पकड़ और बढ़ गई है। ऐसे में विधानसभा में नेता पद की दौड़ में खुद को पीछे होता देख मकवाना ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि उमेश मकवाना AAP में सचेतक की भूमिका में थे, लेकिन हाल के फैसलों में उन्हें दरकिनार किया गया, जिससे वे नाराज चल रहे थे।
‘AAP भी बीजेपी की राह पर’
मकवाना ने कहा कि उन्होंने बीजेपी इसलिए छोड़ी थी क्योंकि वहां ओबीसी समुदाय को हाशिये पर रखा गया था, लेकिन अब वही रवैया AAP में भी देखने को मिल रहा है।
“मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई, न रणनीतिक बैठकों में बुलाया गया। मैं चुप नहीं बैठ सकता जब मेरी कौम की अनदेखी हो रही है।”
पार्टी में बेचैनी, कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक AAP की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन पार्टी के अंदरखाने में हलचल तेज हो गई है। दिल्ली में ही कल गोपाल इटालिया का सम्मान समारोह हुआ था और गुजरात को लेकर नई रणनीति बनाई गई थी, ऐसे में मकवाना के इस्तीफे को पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
अब सभी की नजर इस बात पर है कि क्या AAP अपने नाराज विधायक को मनाने में सफल होती है या उमेश मकवाना जल्द ही नई राह पर निकल पड़ते हैं।