🕒 Published 10 hours ago (9:24 AM)
भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल फ्रॉड और साइबर स्कैम्स को देखते हुए टेक जायंट गूगल ने एक अहम कदम उठाया है। कंपनी ने ‘Google Safety Charter India’ नाम से एक नई पहल शुरू की है, जिसका मकसद ऑनलाइन ठगी, स्कैम और फेक ऐप्स जैसे खतरों से निपटना है।
क्यों ज़रूरी है ये पहल?
भारत, अमेरिका के बाद गूगल का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है, जहां UPI और डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। लेकिन इसके साथ ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में भी तेज़ी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में UPI फ्रॉड 85% बढ़े, जिससे लगभग 11 अरब रुपये का नुकसान हुआ।
क्या करेगा Google का नया सेंटर?
गूगल ने भारत में Security Engineering Center (GSec) की शुरुआत की है, जो म्यूनिख, डबलिन और मलागा के बाद दुनिया में चौथा ऐसा सेंटर है।
यह सेंटर स्थानीय यूजर्स, स्टूडेंट्स, स्टार्टअप्स और सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करेगा, खासतौर पर तीन प्रमुख क्षेत्रों में:
- ऑनलाइन स्कैम और धोखाधड़ी से बचाव
- सरकारी डिजिटल सिस्टम की साइबर सुरक्षा
- AI का जिम्मेदार और सुरक्षित विकास
गूगल और सरकार की साझेदारी
गूगल ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) के साथ भी साझेदारी की है। यह साझेदारी ‘DigiKavach’ नाम के कार्यक्रम का हिस्सा है, जो लोगों को फर्जी लोन ऐप्स और ठगी से बचाने में मदद करता है।
AI कैसे करेगा मदद?
गूगल पहले से ही AI की मदद से यूजर्स को स्कैम से बचाने में कई कामयाब कदम उठा चुका है:
- Google Messages ने 500 मिलियन से ज्यादा फर्जी मैसेज ब्लॉक किए।
- Play Protect फीचर ने 60 मिलियन से अधिक खतरनाक ऐप्स को रोकने में मदद की।
- Google Pay ने 4.1 करोड़ संदिग्ध लेन-देन को लेकर यूजर्स को अलर्ट किया।