🕒 Published 4 months ago (5:51 AM)
ट्रंप का टैरिफ बम फूटा, चीन तिलमिलाया – दी जबरदस्त बदले की धमकी!
नई दिल्ली/बीजिंग: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध अब अपने चरम पर पहुंचता दिख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के 438 बिलियन डॉलर के आयात पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका है। लेकिन चीन भी चुप बैठने वालों में से नहीं! उसने इस फैसले पर जबरदस्त नाराजगी जताते हुए “दी जबरदस्त बदले की धमकी” दी है।
अमेरिका का टैरिफ बम – चीन के लिए बड़ा झटका!
अमेरिका के इस अप्रत्याशित कदम से चीन में हड़कंप मच गया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीन ने दशकों से अमेरिका के व्यापारिक सिस्टम का फायदा उठाया है और अब समय आ गया है कि उसे इसका भुगतान करना पड़े। ट्रंप ने कहा,
“चीन अब तक अमेरिका से एकतरफा फायदा उठाता आया है, लेकिन अब यह नहीं चलेगा। हम अपने देश के हितों की रक्षा करेंगे!”
लेकिन चीन इस फैसले से बुरी तरह भड़क गया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिका के इस कदम से वैश्विक व्यापारिक संबंधों को गहरा नुकसान होगा और चीन इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने साफ कहा, “हम इस आर्थिक हमले का जवाब देंगे और अमेरिका को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
चीन ने दिखाई आक्रामकता – “दी जबरदस्त बदले की धमकी”
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद चीन ने अमेरिका को कड़ा संदेश देते हुए “दी जबरदस्त बदले की धमकी” दी। चीन की सरकार ने घोषणा की कि वह भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाएगा और कई अमेरिकी कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लागू करेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा,
“अगर अमेरिका को लगता है कि वह हमें व्यापारिक मोर्चे पर हरा सकता है, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।”
इस व्यापार युद्ध का असर क्या होगा?
अमेरिका द्वारा लगाए गए इस भारी-भरकम टैरिफ से सबसे ज्यादा नुकसान इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और टेक इंडस्ट्री को होगा। चीन से आने वाले मोबाइल फोन, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं।
इसके अलावा, चीन भी अमेरिका को जवाबी कार्रवाई में कच्चे माल, टेक्नोलॉजी और आईटी सेक्टर पर प्रतिबंध लगा सकता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्या यह नया कोल्ड वॉर है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यापार युद्ध सिर्फ आर्थिक लड़ाई नहीं है, बल्कि यह अमेरिका और चीन के बीच एक नई शीत युद्ध (Cold War) की शुरुआत भी हो सकती है। ट्रंप ने अपनी चुनावी रणनीति के तहत चीन पर सख्त कदम उठाए हैं, जबकि चीन इसे अपनी संप्रभुता पर हमला मान रहा है।
चीन की जवाबी रणनीति – “दी जबरदस्त बदले की धमकी” फिर दोहराई!
चीन ने अमेरिका के इस कदम का मुकाबला करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें शामिल हैं:
अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाना
अमेरिकी कंपनियों को चीन से बाहर करने की योजना
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ केस दर्ज करना
युआन (चीनी मुद्रा) का अवमूल्यन करके वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना
चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“अगर अमेरिका हमें कमजोर समझ रहा है, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। हमने पहले भी दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है और जरूरत पड़ी तो हम फिर से दिखाएंगे!”
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
भारत भी इस व्यापार युद्ध के प्रभाव से अछूता नहीं रहेगा। अमेरिकी और चीनी कंपनियों के बीच संघर्ष से भारतीय व्यापारियों को कुछ फायदा हो सकता है, लेकिन अगर यह टकराव ज्यादा बढ़ा तो इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।
चीन और अमेरिका के बीच तनाव से कच्चे तेल और इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं।
अमेरिका अगर चीन से आयात कम करेगा, तो भारतीय कंपनियों के लिए नए व्यापारिक अवसर खुल सकते हैं।
भारत को इस टकराव से सीख लेते हुए अपने व्यापारिक संबंधों को संतुलित रखना होगा।
क्या होगा अगला कदम?
अमेरिका और चीन दोनों ही पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि चीन को सबक सिखाने का यही सही समय है, जबकि चीन इसे अपनी संप्रभुता और सम्मान की लड़ाई के रूप में देख रहा है।
चीन के विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा,
“हम किसी भी स्थिति में झुकने वाले नहीं हैं। हमने अमेरिका को चेतावनी दे दी है और अगर उसने अपनी नीतियां नहीं बदलीं, तो हम “दी जबरदस्त बदले की धमकी” को हकीकत में बदल देंगे!”
निष्कर्ष: यह लड़ाई अभी और लंबी चलेगी!
अमेरिका और चीन के बीच यह व्यापार युद्ध अब व्यक्तिगत अहंकार की लड़ाई बन चुका है। दोनों देश अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं और इसका प्रभाव पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
फिलहाल, दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं कि आगे कौन सा देश झुकेगा। लेकिन इतना तय है कि “दी जबरदस्त बदले की धमकी” अब केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आने वाले दिनों में यह संघर्ष और ज्यादा भड़क सकता है!
🚨 क्या आप इस व्यापार युद्ध पर अपनी राय देना चाहेंगे? कमेंट में बताइए कि आपको क्या लगता है – क्या चीन वाकई अमेरिका को करारा जवाब दे पाएगा या ट्रंप की यह रणनीति सफल होगी? 🚨
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