आज 27 अगस्त 2025 को पूरे भारत में गणेश चतुर्थी का त्योहार श्रद्धा और हर्ष के साथ मनाया जा रहा है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा और स्थापना के लिए विशेष दिन माना जाता है।
गणेश स्थापना की विधि
गणेश स्थापना से पहले पूजा स्थल को साफ करें और उसे फूलों से सजाएं, रंगोली बनाएं। प्रतिमा को शुभ मुहूर्त में चौकी या वेदी पर रखें और लाल या पीले वस्त्र बिछाएं। पूजा शुरू करने से पहले जल, अक्षत (चावल) और फूल लेकर संकल्प लें।
ऊं गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करते हुए भगवान का आह्वान करें। प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करें और नए वस्त्र, फूल और आभूषण पहनाएं। गणेश जी को मोदक, लड्डू और अन्य प्रिय भोग अर्पित करें। अंत में परिवार के साथ आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
शहरों के अनुसार शुभ मुहूर्त
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पुणे: 11:21 AM – 1:51 PM
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नई दिल्ली: 11:05 AM – 1:40 PM
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चेन्नई: 10:46 AM – 1:25 PM
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जयपुर: 11:11 AM – 1:45 PM
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हैदराबाद: 11:00 AM – 1:33 PM
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गुरुग्राम: 11:06 AM – 1:40 PM
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चंडीगढ़: 11:07 AM – 1:42 PM
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कोलकाता: 10:22 AM – 12:54 PM
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मुंबई: 11:24 AM – 1:55 PM
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बेंगलुरु: 11:07 AM – 1:36 PM
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अहमदाबाद: 11:25 AM – 1:57 PM
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नोएडा: 11:05 AM – 1:39 PM
मिट्टी के गणेश की खासियत
मिट्टी की प्रतिमा प्राकृतिक पवित्रता वाली होती है और पंचतत्वों (भूमि, जल, वायु, अग्नि, आकाश) से बनी होती है। इसकी पूजा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और जल स्रोतों में प्रदूषण कम करती है।
गणेश स्थापना के नियम
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प्रतिमा ऐसी जगह रखें जहां सूर्य की रोशनी आती हो।
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स्थल को हमेशा पवित्र रखें।
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घर में क्लेश और अधार्मिक कार्यों से बचें।
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तामसिक भोजन से परहेज़ करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
भोग और प्रसाद
गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान को केला, मोदक, लड्डू, नारियल की बर्फी, मालपुआ, गुड़, खीर और पंचमेवा का भोग अर्पित करें। प्रतिदिन नए मिष्ठान का भोग लगाने से बप्पा प्रसन्न रहते हैं।
गणेश स्थापना मंत्र और दूर्वा
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥
धार्मिक मान्यता अनुसार दूर्वा गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। दूर्वा चढ़ाने से सुख, शांति और बाधाओं का नाश होता है।
पूजा सामग्री
चौकी, लाल/पीला वस्त्र, चावल, तांबे का बर्तन, जल, नारियल, जनेऊ, दूध, लाल चंदन, पंचामृत, मौली, अष्टगंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, लौंग, इलायची, केसर, फूल, कपूर, दूर्वा, धूप, सुपारी, घी का दीपक, पान, मोदक।
चतुर्थी तिथि
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 26 अगस्त दोपहर 1:54 PM से शुरू होकर 27 अगस्त दोपहर 3:44 PM तक रहेगी।



