Haryana : हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतनगढ़ गांव में एक बुज़ुर्ग आइसक्रीम बेचते नज़र आते हैं। पहली नज़र में वे एक आम दुकानदार लग सकते हैं, लेकिन उनकी जिंदगी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं। उनका नाम है दिवाया राम — एक ऐसा शख्स जो कभी पाकिस्तान में सांसद था, लेकिन आज भारत में शरणार्थी के तौर पर जीवन बिता रहा है।
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सांसद से आइसक्रीम विक्रेता तक का सफर
दिवाया राम पाकिस्तान की संसद में 1989 में सांसद बने थे। उन्हें यह पद अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट पर मिला था, जब बेनजीर भुट्टो की सरकार थी। लेकिन सांसद बनने के कुछ समय बाद ही एक ऐसी घटना घटी, जिसने उनका राजनीति से विश्वास तोड़ दिया।
उनके सामने ही एक हिंदू लड़की को उठाकर ले जाया गया और वह कुछ नहीं कर सके। यही वह क्षण था जब उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
2000 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आए
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों से परेशान होकर दिवाया राम ने 2000 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आने का निर्णय लिया। उनके साथ उनकी पत्नी, मां, 8 बेटे और 2 बेटियों समेत 13 सदस्य थे। पहले वे रोहतक में रहे, फिर 2008 में फतेहाबाद के रतनगढ़ गांव में बस गए।
आज उनके परिवार में करीब 30 लोग हैं, जिनमें से कुछ को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है और बाकी ने इसके लिए आवेदन किया है।
“अगर मौका मिला तो पाकिस्तान के खिलाफ हथियार उठाऊंगा”
80 वर्षीय दिवाया राम कहते हैं,
“हम भारत में ही रहकर बाकी जीवन जीना चाहते हैं। अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का मौका मिला तो मैं सबसे पहले हथियार उठाऊंगा।”
उनके इस बयान ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्हें फिर से चर्चा में ला दिया है।
पाकिस्तान में अब भी है 25 एकड़ पुश्तैनी जमीन
दिवाया राम ने बताया कि उनके दादा की 25 एकड़ जमीन पाकिस्तान के बखर जिले की दरियापुर तहसील में है, लेकिन अब वह सब छोड़कर वे भारत को ही अपना स्थायी घर बनाना चाहते हैं। उनके पास आधार कार्ड, पहचान पत्र जैसे सारे भारतीय दस्तावेज हैं।
परिवार के अन्य सदस्य भी भारत में बस चुके हैं
उनके चचेरे भाई ओमप्रकाश भी 2006 में अपने पूरे परिवार के साथ भारत आ गए थे। 2009 में ओमप्रकाश की शादी एक पूर्व विधायक के रिश्तेदार से हुई। उनके भी कई परिजन अब भारत में शादी करके बस चुके हैं और भारतीय नागरिकता की प्रक्रिया में हैं।
SP का बयान:
फतेहाबाद के SP सिद्धार्थ जैन ने कहा,
“जिले में पाकिस्तान से आए कुछ लोग रह रहे हैं, जिन्होंने नागरिकता के लिए आवेदन कर रखा है। नियमों के अनुसार, फिलहाल किसी को पाकिस्तान वापस भेजने की बात नहीं है।”
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