भारत में हर बीमारी के लिए अलग-अलग दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन एक दवा ऐसी है जिसे लोग सभी समस्याओं का हल मान बैठते हैं। यह है ‘पैरासिटामोल’, जिसे आमतौर पर ‘बुखार वाली गोली’ कहा जाता है। बुखार या दर्द होने पर लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए इसे खरीदने पहुंच जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह दवा हर बीमारी का इलाज नहीं है? और अगर इसे ज्यादा लिया जाए तो इसके क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
हाल ही में एक अमेरिकी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने भारतीयों द्वारा डोलो-650 (पैरासिटामोल का ब्रांड) के अत्यधिक उपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने इसे ‘जेम्स (टॉफी) की तरह खाए जाने’ की बात की, जो इस दवा के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर एक चेतावनी थी।
आइए जानते हैं कि क्या है पैरासिटामोल, इसकी सही खुराक कितनी होनी चाहिए और इसे किसे नहीं लेना चाहिए।
पैरासिटामोल (जिसे एसिटामिनोफेन भी कहा जाता है) एक एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और एंटीपायरेटिक (बुखार घटाने वाली) दवा है। इसका मुख्य काम बुखार और दर्द से अस्थायी राहत प्रदान करना है। यह दवा सिरप, टैबलेट, कैप्सूल और पाउडर के रूप में उपलब्ध है।
1950 के दशक में पैरासिटामोल का इस्तेमाल आम हुआ और आज यह दुनिया भर में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली पेनकिलर्स में से एक है। भारत में कोविड-19 के दौरान डोलो-650 ने काफी लोकप्रियता हासिल की।
पैरासिटामोल का इस्तेमाल आमतौर पर सिरदर्द, माइग्रेन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस, सर्दी-फ्लू, गले में खराश, साइनस, पीरियड्स के दर्द, और सर्जरी के बाद के दर्द में किया जाता है।
पैरासिटामोल को हमेशा डॉक्टर या फार्मासिस्ट द्वारा बताए गए तरीके से ही लेना चाहिए। आमतौर पर, इसे हर 4 से 6 घंटे में लिया जा सकता है, लेकिन एक दिन में 4 खुराक से ज्यादा नहीं लेनी चाहिए। 3 दिनों से ज्यादा तक इसे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लिया जाना चाहिए।
पैरासिटामोल का ओवरडोज लेने से लिवर को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसकी ओवरडोज से शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन कुछ घंटों बाद शरीर पीला पड़ सकता है, उल्टी, अत्यधिक पसीना, पेट दर्द, और भूख में कमी हो सकती है। इसके अलावा, अन्य लक्षणों में थकान, चक्कर आना और कंफ्यूजन भी हो सकते हैं।
अगर पैरासिटामोल को सही तरीके से लिया जाए तो यह सुरक्षित है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने पर इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे स्किन रैश, खुजली, मुंह के छाले, या लिवर पर असर पड़ना। गंभीर मामलों में पैरासिटामोल का ओवरडोज लिवर और किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है।
कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें। अगर पैरासिटामोल की ओवरडोज ली है या इससे संबंधित कोई लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या हो तो पहले डॉक्टर से सलाह लें और उनकी निर्देशानुसार दवा का सेवन करें।
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