🕒 Published 5 months ago (5:29 AM)
दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा: नए नियमों के पीछे की सख्त वजह
दिल्ली में पक्षियों को दाना डालने की प्रथा वर्षों से चली आ रही है। खासकर कबूतरों को दाना डालना भारतीय संस्कृति का हिस्सा माना जाता है। लोग इसे पुण्य का काम समझते हैं, और शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर कबूतरों के लिए दाना डालते नजर आते हैं। लेकिन अब दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा, क्योंकि सरकार ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। एमसीडी (म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली) ने कबूतरों को दाना डालने वालों पर चालान की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और ये चालान घर पहुंचाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस नए नियम की वजह और इसके पीछे छिपी समस्याएं।
क्यों बनाए गए ये नए नियम?
दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि एमसीडी ने यह कदम दिल्ली की स्वच्छता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया है। कबूतरों के मल से फैलने वाली बीमारियों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर फैलती गंदगी भी शहर की छवि को खराब कर रही है। कश्मीरी गेट तिब्बती मार्केट, ईदगाह गोलचक्कर और पंचकुइंया रोड जैसे इलाकों में कबूतरों को दाना डालने के कारण गंदगी की समस्या अधिक देखने को मिल रही थी, जिसके चलते एमसीडी ने चालान शुरू किया है।
स्वास्थ्य पर खतरा
कबूतरों के मल में कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस होते हैं, जो हवा में मिलकर इंसानों को बीमार कर सकते हैं। कबूतरों से फैलने वाली बीमारियों में प्रमुख हैं:
- हिस्टोप्लाज्मोसिस: यह एक फंगल इंफेक्शन है, जो कबूतरों के मल से फैलता है और सांस के जरिए इंसान के फेफड़ों में जाता है।
- क्रिप्टोकॉकसिस: यह भी कबूतरों के मल से फैलने वाला एक फंगल संक्रमण है, जो फेफड़ों और मस्तिष्क पर असर डाल सकता है।
- सैल्मोनेलोसिस: यह एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो खाने या पानी के जरिए फैलता है।
इन बीमारियों के फैलने का मुख्य कारण कबूतरों की बड़ी संख्या और उनके मल का सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद रहना है। इसलिए दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा ताकि इन बीमारियों से बचा जा सके।
एमसीडी की सख्त कार्रवाई
एमसीडी ने इस समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। अब जो भी व्यक्ति दिल्ली में कबूतरों को दाना डालेगा, उसे 200 से 500 रुपये तक का चालान भेजा जाएगा। अब तक पाँच लोगों को चालान भेजा जा चुका है। यह नियम कश्मीरी गेट के पास तिब्बती मार्केट, ईदगाह गोलचक्कर और पंचकुइंया रोड जैसे इलाकों में लागू हो चुका है, और जल्द ही अन्य इलाकों में भी इसे लागू किया जाएगा।
एमसीडी का कहना है कि दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा, क्योंकि इससे न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि आवारा पशुओं को भी इसके कारण भोजन मिलता है, जो शहर की स्वच्छता को प्रभावित करता है। ऐसे लोगों पर भी अब नजर रखी जा रही है, जो अपनी गाड़ियों से आकर कबूतरों को दाना डालते हैं।
कैसे हो रही है कार्रवाई?
एमसीडी ने सख्ती से इस नियम को लागू करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत किया है। जब कोई व्यक्ति कबूतरों को दाना डालता है, तो निगम कर्मचारी उनकी गाड़ी का नंबर नोट कर लेते हैं और फोटो के साथ उसे ट्रैफिक पुलिस के माध्यम से दर्ज कर लिया जाता है। फिर वाहन मालिक को चालान भेजा जाता है। अब तक पाँच चालान भेजे जा चुके हैं और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
दिल्ली में गंदगी की बढ़ती समस्या
दिल्ली की सड़कों और चौक-चौराहों पर कबूतरों को दाना डालने से गंदगी फैलती है। लोगों का मानना है कि कबूतरों को दाना खिलाना पुण्य का काम है, लेकिन यह गंदगी का कारण भी बन रहा है। कबूतरों के मल से जहां बीमारियां फैलती हैं, वहीं सड़कों पर फैली गंदगी शहर की छवि को खराब करती है। यही कारण है कि एमसीडी ने दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा कहते हुए चालान की व्यवस्था शुरू की है।
जनता की प्रतिक्रिया
इस नए नियम पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोग इसे सही कदम मानते हैं, क्योंकि इससे शहर की सफाई बनी रहेगी और बीमारियों से बचाव होगा। वहीं, कुछ लोग इसे धार्मिक आस्था पर आघात मान रहे हैं, क्योंकि भारतीय समाज में कबूतरों को दाना खिलाना पुण्य माना जाता है। हालांकि, स्वच्छता और स्वास्थ्य के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, यह नियम आवश्यक है।
क्या करना चाहिए?
अगर आप भी कबूतरों को दाना खिलाने की आदत में हैं, तो अब आपको सावधान हो जाना चाहिए। दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा, इसलिए बेहतर है कि आप इस नियम का पालन करें और सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने से बचें। आप अपने घर की बालकनी या छत पर कबूतरों को दाना खिला सकते हैं, जहां इससे गंदगी नहीं फैलेगी और आप अपनी धार्मिक आस्था का पालन कर सकेंगे।
एमसीडी के निर्देश
एमसीडी ने न केवल दाना डालने वालों पर चालान की प्रक्रिया शुरू की है, बल्कि उन विक्रेताओं पर भी सख्ती बरती जा रही है, जो सरकारी भूमि पर दाना बेचते हैं। उन्हें वहां से हटा दिया गया है और सफाई कर दी गई है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर बोर्ड भी लगाए गए हैं, जिन पर साफ-साफ लिखा है कि पक्षियों या आवारा पशुओं को दाना या खाना न खिलाएं।
नए नियम का विस्तार
एमसीडी ने अब तक तिब्बती मार्केट, ईदगाह गोलचक्कर और पंचकुइंया रोड जैसे तीन स्थानों पर इस नियम की शुरुआत की है। जल्द ही इसे पूरे शहर में लागू किया जाएगा। हर वार्ड में कम से कम दो स्थानों को चिह्नित किया जाएगा, जहां यह नियम प्रभावी होगा।
कबूतरों की बढ़ती संख्या से परेशानी
दिल्ली में कबूतरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह पक्षी आमतौर पर शहर के चौक-चौराहों, बालकनियों और छतों पर बसेरा बनाते हैं। कबूतरों की इस बढ़ती संख्या के कारण लोग परेशान हैं, क्योंकि उनके मल से न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि बीमारियों का भी खतरा बढ़ता है। इसलिए एमसीडी का यह कदम, जिससे दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा, स्वच्छता और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही माना जा रहा है।
समाप्ति
दिल्ली में कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा अब महज एक चेतावनी नहीं, बल्कि हकीकत है। शहर की सफाई और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए एमसीडी ने यह सख्त कदम उठाया है। दिल्ली की जनता को इस नियम का पालन करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने से बचना चाहिए, ताकि शहर स्वच्छ और स्वस्थ रहे।
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