इथेनॉल को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है । कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर निशाना साधा है । पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे पिता पॉलिसी बना रहे और बेटे पैसा बना रहे हैं । निखिल गडकरी और सारंग गडकरी दोनों मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी के बेटे हैं । नितिन गडकरी के दोनों बेटों की कंपनियां — Cian Agro Industries & Infrastructure Ltd, Manas Agro Industries And Infrastructure Ltd एथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं।
निखिल गडकरी की कंपनी Cian Agro का जून, 2024 में रेवेन्यू 18 करोड़ था, जो कि जून, 2025 में बढ़कर 723 करोड़ हो गया । इस कंपनी के शेयर की कीमत जनवरी, 2025 में 37 रुपए थी, जो कि अब बढ़कर 638 रुपए हो गई है- यानी इन कीमतों में 2184% की वृद्धि हुई है। पिछले 11 साल के इतिहास में कोई भी स्कीम समय से पूरी नहीं हुई, लेकिन 2025 की समयसीमा से पहले देश ने 20% एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया ।
निखिल गडकरी और सारंग गडकरी दोनों मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी के बेटे हैं।
• नितिन गडकरी के दोनों बेटों की कंपनियां — Cian Agro Industries & Infrastructure Ltd, Manas Agro Industries And Infrastructure Ltd — एथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं।
यानी- सरकार में बैठे पिता पॉलिसी… pic.twitter.com/akPwgRpqPZ
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विषयसूची
मोदी,गडकरी पेट्रोल डीजल सस्ता होने का दावा कहां गया
नरेंद्र मोदी और नितिन गडकरी ने जून, 2014 में कहा था कि म्यूनिसिपल वेस्ट से जो एथेनॉल बनेगा, उसके चलते पेट्रोल 55 रुपए/लीटर और डीजल 50 रुपए/लीटर मिलेगा। सितंबर, 2018 में नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार द्वारा पांच प्लांट लगाए जाएंगे, जहां लकड़ी के बूरे और म्यूनिसिपल वेस्ट से एथेनॉल बनाया जाएगा।
सच्चाई ये है कि आजतक लकड़ी के बूरे और म्यूनिसिपल वेस्ट से 1 लीटर एथेनॉल भी नहीं बनाया गया। 627 करोड़ लीटर एथेनॉल बना है, इसमें 56% गन्ना और बाकी अनाज इस्तेमाल हुआ है। इसमें कहीं भी लकड़ी के बूरे और म्यूनिसिपल वेस्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ। 1 लीटर एथेनॉल बनाने में करीब 3,000 लीटर पानी की खपत होती है। यानी पर्यावरण को संरक्षित करने का दावा भी जुमला निकला। बाकी- देश की जनता पेट्रोल और डीजल की कीमत तो जान ही रही है।
नरेंद्र मोदी और नितिन गडकरी ने जून, 2014 में कहा था कि म्यूनिसिपल वेस्ट से जो एथेनॉल बनेगा, उसके चलते पेट्रोल 55 रुपए/लीटर और डीजल 50 रुपए/लीटर मिलेगा।
• सितंबर, 2018 में नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार द्वारा पांच प्लांट लगाए जाएंगे, जहां लकड़ी के बूरे और म्यूनिसिपल वेस्ट से… pic.twitter.com/lG2j20r61u
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एथेनॉल से किसानों को कितना फायदा हुए ?
देश को बताया गया कि रूस से सस्ता कच्चा तेल आ रहा है, लेकिन जब रूस से सस्ता कच्चा तेल आया तो वहां से मोदी जी के दोस्त की रिफाइनरी में गया फिर मोदी जी के भतीजों की कंपनी में गया, जहां एथेनॉल मिक्स हुआ । इसके बाद- दिल्ली में बैठे नरेंद्र मोदी ने उस तेल में टैक्स मिला देते हैं । देश से कहा गया कि एथेनॉल से माइलेज अच्छा होगा, इंजन के रख-रखाव की चिंता ख़त्म होगी, लेकिन नीति आयोग ने कहा कि माइलेज में 6% की गिरावट हुई है। 2023 से पहले जितने भी इंजन बने हैं, वो एथेनॉल के साथ compatible नहीं हैं। इंजन डैमेज हो रहे, लोगों की कमाई बर्बाद हो रही है।
देश की जनता की चिंता को न देखते हुए सरकार अब E30 की बात कर रही है। लोग परेशान हैं कि इंजन ख़राब हो रहे तो नितिन गडकरी कहते हैं कि पेट्रोलियम लॉबी लोगों को डरा रही है। देश को बताया गया कि एथेनॉल से किसानों को फायदा होगा लेकिन असल में उन्हें कोई फायदा नहीं मिल रहा, बल्कि फायदा गडकरी के बेटे जैसे लोग उठा रहे हैं। देश में जितनी भी एथेनॉल की डिस्टिलरीज हैं, वे RED कैटेगरी में आती हैं, यानी पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में सवाल है- एथेनॉल से देश के किस वर्ग को लाभ मिल रहा है?
हमारे सवाल:
• एथेनॉल से देश के किसानों को कितना फायदा हुआ?
• एथेनॉल मिश्रण के बाद भी महंगा पेट्रोल-डीजल क्यों मिल रहा है?
• अगर E20 को बढ़ावा देना पब्लिक पॉलिसी है तो इसका फायदा सिर्फ नितिन गडकरी के बेटों को ही क्यों मिला?
• नरेंद्र मोदी करप्शन पर 'जीरो टॉलरेंस' की… pic.twitter.com/VBwmENdjZs
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पीएम मोदी से भी पवन खेड़ा ने सवाल किए
देश के किसानों को एथेनॉल से कितना फायदा हुआ? एथेनॉल मिश्रण के बाद भी महंगा पेट्रोल-डीजल क्यों मिल रहा है? अगर E20 को बढ़ावा देना पब्लिक पॉलिसी है तो इसका फायदा सिर्फ नितिन गडकरी के बेटों को ही क्यों मिला? नरेंद्र मोदी करप्शन पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करते हैं, लेकिन क्या वो अपने भतीजों पर जांच बैठाएंगे? साल 2014-2025 के बीच पेट्रोल-डीजल पर CESS के जरिए जो पैसा (करीब 40 लाख करोड़ रुपए) कमाया गया- उसका हिसाब जनता को कब मिलेगा?
7 अगस्त से अबतक पूरे देश में एक ही नारा बुलंद हो रहा है: वोट चोर – गद्दी छोड़। ये सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि हकीकत है।
देश में वोट चोरी के अलावा जनता की जेब भी काटी जा रही है। पिछले 11 साल से चुराई कुर्सी पर बैठे प्रधानमंत्री, उनके मंत्री और उनके परिवार वाले भी बहुत कुछ कर रहे… pic.twitter.com/m44wAq8lVr
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वोट चोर गद्दी छोड़ ये सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि हकीकत
7 अगस्त से अब तक पूरे देश में एक ही नारा बुलंद हो रहा है: वोट चोर – गद्दी छोड़। ये सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि हकीकत है। देश में वोट चोरी के अलावा जनता की जेब भी काटी जा रही है। पिछले 11 साल से चुराई कुर्सी पर बैठे प्रधानमंत्री, उनके मंत्री और उनके परिवार वाले भी बहुत कुछ कर रहे हैं। एक तरफ- ताऊ जी ऊपर चोरी की कुर्सी पर बैठे हैं, दूसरी तरफ- उनके भतीजे T20 और E20 के नाम पर पैसा कमा रहे हैं। कुल मिलाकर- ये लोग जनता को तगड़ी चपत लगा रहे हैं।
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