सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट: निवेशकों के लिए क्या संकेत?

Photo of author

By Ankit Kumar

सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव हमेशा निवेशकों के लिए चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में दोनों धातुओं के दामों में हल्की गिरावट देखी गई है।

भारत में सोने और चांदी के ताजा भाव

शुक्रवार को भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने और चांदी के दाम गिरावट के साथ खुले। सोने की कीमत में 294 रुपये की गिरावट दर्ज की गई और यह 85,740 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि बीते दिन यह 86,034 रुपये था।

चांदी की कीमत में भी गिरावट देखी गई, जो 332 रुपये कम होकर 97,809 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी, जबकि पिछला बंद भाव 98,141 रुपये था।

 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में हल्की गिरावट आई, हालांकि, पूरे हफ्ते में सोने ने 1.6% की बढ़त बनाए रखी। शुक्रवार को स्पॉट गोल्ड 0.3% गिरकर 2,900.48 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। यह दिखाता है कि भले ही कीमतों में अस्थायी गिरावट आई हो, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से इसमें स्थिरता बनी हुई है।

बाजार में गिरावट के पीछे कारण

1. अमेरिकी नीतियों का प्रभाव – अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे सोने की मांग मजबूत बनी हुई है।

2. फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें – अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल डेटा का इंतजार किया जा रहा है, जो ब्याज दरों से जुड़े महत्वपूर्ण संकेत दे सकता है।

3. महंगाई और सोने का रिश्ता – जब ब्याज दरें अधिक होती हैं, तो सोने की चमक थोड़ी फीकी पड़ जाती है क्योंकि निवेशक उच्च ब्याज दरों वाले साधनों की ओर आकर्षित होते हैं।

क्या आगे सोने की कीमतें बढ़ेंगी या घटेंगी?

फेडरल रिजर्व गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने संकेत दिया है कि इस महीने ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है। हालांकि, अगर महंगाई में कमी आती है, तो साल के अंत तक दरों में कटौती संभव हो सकती है।

निवेशकों के लिए सुझाव

1. लॉन्ग-टर्म निवेश करें – सोना एक सुरक्षित निवेश है, लेकिन बाजार की अनिश्चितता को देखते हुए दीर्घकालिक निवेश रणनीति अपनाएं।

2. बाजार ट्रेंड पर नजर रखें – सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट या बढ़त के पीछे कई कारक होते हैं, इसलिए बाजार पर नजर बनाए रखें।

3. डायवर्सिफिकेशन जरूरी है – सिर्फ सोने में ही निवेश न करें, बल्कि अन्य परिसंपत्तियों में भी निवेश करें।

 

निष्कर्ष

सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए अवसर और जोखिम दोनों पेश करता है। मौजूदा आर्थिक हालात, अमेरिकी नीतियां और ब्याज दरों में संभावित बदलाव सर्राफा बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, यदि आप निवेश करने की सोच रहे हैं, तो बाजार की स्थिति का विश्लेषण करना आवश्यक है।

आपके लिए क्या सही है?

अगर आप सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं, तो बाजार के रुझानों को समझें और लॉन्ग-टर्म निवेश पर ध्यान दें। बाजार में हो रहे बदलावों के अनुसार अपने निवेश को संतुलित करना ही बेहतर रणनीति होगी।

अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।

Leave a Comment