F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट: सिर्फ चुनिंदा देशों के पास, देखें पूरी सूची

By Pragati Tomer

🕒 Published 6 months ago (6:08 AM)

F-35 अमेरिका का “बाहुबली” फाइटर जेट: सिर्फ चुनिंदा देशों के पास, देखें पूरी सूची

अमेरिका का F-35 फाइटर जेट, जिसे ‘बाहुबली’ कहा जाता है, दुनिया के सबसे अत्याधुनिक और शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक है। F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट केवल चुनिंदा देशों के लिए ही उपलब्ध होता है, और इसे हासिल करना किसी भी देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। यह फाइटर जेट विशेष रूप से अमेरिकी सेना के लिए तैयार किया गया है, लेकिन अमेरिका ने कुछ खास देशों को इसे खरीदने की अनुमति दी है।

F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट: क्या है खासियत?

F-35 फाइटर जेट का निर्माण अमेरिकी कंपनी Lockheed Martin ने किया है। यह लड़ाकू विमान अपनी स्टील्थ टेक्नोलॉजी और एडवांस्ड सिचुएशनल अवेयरनेस के कारण बेहद खतरनाक साबित होता है। यह विमान अपने दुश्मनों के रडार को धोखा देकर आसानी से हमले को अंजाम देने में सक्षम है। F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट कई तरह के आधुनिक हथियारों से लैस होता है, जो इसे युद्ध के मैदान में अजेय बनाता है।

F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट

कौन-कौन से देश हैं इस जेट के मालिक?

F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट केवल उन्हीं देशों को दिया गया है जो अमेरिका के करीबी और विश्वासपात्र सहयोगी माने जाते हैं। अभी तक कुल 19 देश इस जेट को अपने सैन्य बेड़े में शामिल कर चुके हैं या इसे खरीदने के लिए ऑर्डर दे चुके हैं। इन देशों में प्रमुख रूप से ऑस्ट्रेलिया, जापान, इजरायल, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण कोरिया, और नॉर्वे जैसे राष्ट्र शामिल हैं। इन देशों के पास यह जेट होने का मतलब है कि उनके पास अत्याधुनिक हथियार प्रणाली और सुरक्षा ढांचे की सुविधा है।

क्यों नहीं सभी देशों को मिलता F-35?

F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट दुनिया भर के कई देशों द्वारा मांगा जाता है, लेकिन अमेरिका इसे केवल चुनिंदा मित्र देशों को ही देता है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि यह जेट अमेरिका के लिए एक सुरक्षा हथियार के रूप में कार्य करता है। अमेरिका इसे हर देश को देकर अपनी टेक्नोलॉजी और रणनीति को जोखिम में नहीं डालना चाहता। इसके साथ ही, यह फाइटर जेट बहुत महंगा और उच्च स्तर की मेंटेनेंस की मांग करता है, जो हर देश के बस की बात नहीं है।

भारत और F-35

हाल ही में यह खबर आई थी कि अमेरिका ने भारत को भी F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट ऑफर किया है। यदि यह डील सफल होती है, तो भारतीय वायुसेना को अत्यधिक उन्नत और आधुनिक स्टील्थ टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा। इस जेट के साथ, भारत अपने दुश्मनों के रडार को धोखा देकर हमले करने की क्षमता हासिल कर सकता है, जिससे उसकी सैन्य ताकत और बढ़ जाएगी। हालांकि, इसे खरीदना और बनाए रखना भारत के लिए एक महंगा सौदा हो सकता है, क्योंकि F-35 का रखरखाव और ऑपरेटिंग कॉस्ट बहुत ज्यादा है।

F-35 की प्रमुख विशेषताएं

F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट केवल स्टील्थ टेक्नोलॉजी ही नहीं बल्कि कई और एडवांस्ड फीचर्स के साथ आता है। इसके कॉकपिट में बड़ी टचस्क्रीन डिस्प्ले और हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम (HMD) शामिल हैं, जिससे पायलट को विमान के आर-पार देखने की क्षमता मिलती है। इसके अलावा, इसमें डिस्ट्रिब्यूटेड अपर्चर सिस्टम (DAS) है, जो इंफ्रारेड कैमरों का उपयोग कर विमान को अधिक सटीक तरीके से नियंत्रित करने में मदद करता है।

कौन से जेट्स हैं F-35 के मुकाबले?

दुनिया के कुछ और देशों के पास भी अत्याधुनिक फाइटर जेट्स हैं, जैसे चीन का Chengdu J-20 और रूस का Sukhoi-57। हालांकि, F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट इन विमानों से काफी आगे माना जाता है। इसके कई ऑपरेशनल एडवांटेज इसे युद्ध में अजेय बनाते हैं। भारत के लिए यह जेट एक ‘ब्रह्मास्त्र’ के समान हो सकता है, खासकर जब चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों का सामना करना हो।

निष्कर्ष

F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट दुनिया के सबसे उन्नत और शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक है, जिसे केवल अमेरिका के खास और भरोसेमंद साझेदारों को ही दिया जाता है। यह जेट न केवल एक स्टेटस सिंबल है, बल्कि इसके पास होना युद्ध में अजेयता का प्रतीक भी है। अमेरिका ने अब तक 19 देशों को यह जेट बेचा है, और आने वाले समय में अगर भारत इसे खरीदता है, तो यह भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी सफलता होगी।

F-35 अमेरिका का बाहुबली फाइटर जेट अपनी स्टील्थ, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और उन्नत हथियार प्रणाली के साथ दुनिया के सैन्य जगत में एक नई क्रांति लेकर आया है। जो देश इसे हासिल करने में सफल हो जाते हैं, वे निश्चित रूप से अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर लेते हैं। अब देखना होगा कि भारत इस जेट को अपने बेड़े में शामिल करता है या नहीं।

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