नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बने अत्याधुनिक कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन कर दिया है। इसके साथ ही अब कई अहम मंत्रालय यहां स्थानांतरित हो जाएंगे। अब तक ये मंत्रालय दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अलग-अलग भवनों में काम कर रहे थे, लेकिन Central Vista Project के तहत इन्हें एक ही जगह लाने की पहल की गई है।
कौन-कौन से मंत्रालय होंगे यहां?
कर्तव्य भवन-3 में अब गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, डीओपीटी (कार्मिक मंत्रालय), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय शिफ्ट किया गया है। ये सभी मंत्रालय अब तक शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन में स्थित थे।
भवन की विशेषताएं
यह भवन करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला है। इसमें दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर सहित कुल 10 मंजिलें हैं।
यहां 24 बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल हैं जिनमें प्रत्येक में 45 लोगों की बैठक क्षमता है। इसके अलावा 26 छोटे हॉल हैं जिनमें 25 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
67 मीटिंग हॉल और वर्क रूम बनाए गए हैं, जिनमें 9-9 लोगों के बैठने की क्षमता है।
भवन में 600 वाहनों की पार्किंग, 850 ऑफिस रूम, 700 CCTV कैमरे, 120 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा है।
यहां योग कक्ष, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे और मल्टीपरपज हॉल भी शामिल हैं।
भवन में कुल 27 लिफ्ट, 27 एयर कंडीशन यूनिट्स और दो स्वचालित सीढ़ियां हैं।
ऊर्जा संरक्षण और सुरक्षा
कर्तव्य भवन की छत पर 366 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे हर साल करीब 5.34 लाख यूनिट बिजली की बचत होगी।
सुरक्षा के लिहाज से पूरे भवन पर नजर रखने के लिए एक अत्याधुनिक कमांड कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया है।
कौन-सा मंत्रालय किस फ्लोर पर होगा?
पहली मंजिल: पेट्रोलियम मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय
दूसरी मंजिल: एमएसएमई मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय
तीसरी मंजिल: विदेश मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
चौथी और पांचवीं मंजिल: गृह मंत्रालय (गृहमंत्री अमित शाह यहीं बैठेंगे)
छठी मंजिल: इंटेलिजेंस ब्यूरो का कार्यालय
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक का भविष्य
जो मंत्रालय अभी नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में स्थित हैं, उन्हें भी कर्तव्य भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। इन दोनों ऐतिहासिक इमारतों को म्यूजियम में बदलने की योजना बनाई गई है। यह म्यूजियम “युगे युगीन भारत” के नाम से जाना जाएगा, जिसमें भारत का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक सफर दिखाया जाएगा।
नए भवन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
ज्यादातर सरकारी भवन 1950 से 1970 के बीच बनाए गए थे। अब ये जर्जर हो चुके हैं और उनका रखरखाव काफी महंगा हो गया है। इसी कारण नए और टिकाऊ भवनों की जरूरत महसूस की गई।
बाकी भवन कब तक बनेंगे?
कर्तव्य भवन-3, कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CSS) की पहली इमारत है। अगले महीने तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी बनकर तैयार हो जाएंगे। शेष 7 भवन अप्रैल 2027 तक पूरे हो जाएंगे। यह पूरी परियोजना 1000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही है, जिसमें पुराने भवनों को हटाकर नए कार्यालय बनाए जाएंगे।


