कर्नाटक में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की बड़ी कार्रवाई : सहकारी बैंक घोटाले में एन. श्रीनिवास मूर्ति के 15 ठिकानों पर छापेमारी

Photo of author

By Sunita Singh

🕒 Published 2 weeks ago (3:51 PM)

Raids on 15 locations of Srinivas Murthy, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के एक बड़े मामले में गुरुवार को 15 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई सुषरुति सौहार्द सहकारी बैंक के चेयरमैन एन. श्रीनिवास मूर्ति और उनके परिवार व करीबी सहयोगियों के खिलाफ की गई। ईडी ने यह रेड बैंक धोखाधड़ी से जुड़े कई एफआईआर के आधार पर दर्ज की गई ECIR (Enforcement Case Information Report) के तहत की है।

क्या है मामला? Raids on 15 locations of Srinivas Murthy

एन. श्रीनिवास मूर्ति ने सुषरुति सौहार्द सहकारी बैंक की स्थापना की थी। वह इसके चेयरमैन हैं, जबकि उनकी पत्नी धरनी देवी और बेटी मोक्षतारा बैंक में निदेशक पदों पर हैं। सुषरुति सौहार्द सहकारी बैंक पर आरोप है कि बैंक ने ग्राहकों को उनकी जमा राशि पर ब्याज देना बंद कर दिया और जब लोगों ने इसकी शिकायत की तो सर्वर की समस्या बताकर ग्राहकों को भ्रमित करते रहे ।

श्रीनिवास मूर्ति ने लोगों को अधिक ब्याज का लालच दिया और फिक्स्ड और टर्म डिपॉजिट खोलने को कहा। शुरूआत में तो बैंक ने ब्याज दिया लेकिन  2021-22 के बाद न तो ब्याज मिला और न ही एफडी बंद करने की अनुमति दी गई। बाद में उन्होंने श्रुति सौहार्द क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी शुरू की, जिसमें उनके रिश्तेदार प्रमुख पदों पर थे। इसी तरीके से लोगों को धोखे में रखकर करोड़ों की राशि हड़प ली गई।

एक पूरा नेटवर्क तैयार किया गया

इसके बाद मूर्ति ने कई वित्तीय संस्थान बनाए, जिनमें श्री लक्ष्मी महिला को-ऑपरेटिव सोसायटी भी शामिल है, जिसका संचालन उनकी दूसरी पत्नी करती है। आरोप है कि इन संस्थाओं के जरिये उन्होंने आम लोगों से पैसा इकट्ठा किया और फिर उसे अपने, अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम संपत्तियों में निवेश कर दिया। बैंक की लोन, निवेश और ऑडिट कमेटियों का अध्यक्ष भी खुद मूर्ति ही थे, जिससे वह फंड के इस्तेमाल पर पूरा नियंत्रण रख सके। उन्होंने अपने करीबी लोगों को बिना किसी गारंटी के लोन दिए। ये रकम अक्सर नकद निकाली गई और बाद में उनके निजी या पारिवारिक खातों में ट्रांसफर की गई। इन पैसों का उपयोग संपत्तियों में निवेश और व्यक्तिगत खर्चों में किया गया।

मनी लॉन्ड्रिंग का नेटवर्क

ED की जांच में सामने आया कि मूर्ति ने काले धन को सफेद बनाने के लिए अपने परिवार और करीबियों के खातों का इस्तेमाल किया। रकम को कई खातों में घुमाकर असली स्रोत छुपाया गया, यह मनी लॉन्ड्रिंग का क्लासिक तरीका माना जाता है।

निष्कर्ष

प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई सहकारी बैंकों में बढ़ते घोटालों की एक और कड़ी है। जांच जारी है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।

Leave a Comment