Encounter Specialist Laxman Kewat का खास अंदाज़, बाइक पर लिखवाया “अब तक 83+”, नक्सली नाम से भी कांपते हैं

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 week ago (8:28 AM)

Encounter Specialist Laxman Kewat Story: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट इन दिनों अपने एक अनोखे अंदाज़ को लेकर सुर्खियों में हैं। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से पहचाने जाने वाले केवट ने अपनी बाइक पर बड़े ही बेबाक अंदाज़ में लिखवाया है—“अब तक 83+”। यह आंकड़ा उन नक्सलियों की संख्या को दर्शाता है, जिन्हें उन्होंने अपने अब तक के करियर में ढेर किया है।

नक्सली भी नाम से कांपते हैं

लक्ष्मण केवट का नाम नक्सल इलाकों में एक खौफ की तरह लिया जाता है। अब तक वे 83 से अधिक नक्सलियों को मुठभेड़ों में मार गिरा चुके हैं। यह उनकी कड़ी मेहनत, साहस और रणनीतिक सूझबूझ का ही परिणाम है कि वे नक्सल ऑपरेशनों में इतने सफल रहे हैं। अब उन्होंने अपनी इस उपलब्धि को बाइक पर लिखवा कर उसे एक प्रतीक बना दिया है, जो अब चर्चा का विषय बन गया है।

नक्सल ऑपरेशन में लगातार मिल रही सफलता

छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी है। हाल ही में बस्तर जिले के करेंगुट्टा पहाड़ियों में चलाए गए ऑपरेशन कगार और ब्लैक फॉरेस्ट में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। कई नक्सली मारे गए, तो कई आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आए। जवानों ने इस सफलता का जश्न भी मनाया, और अब थाना प्रभारी केवट भी अपनी अनोखी स्टाइल में उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं।

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12 साल में 6 बार राष्ट्रपति पुरस्कार

लक्ष्मण केवट की पहली पोस्टिंग साल 2012 में एक आरक्षक के रूप में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हुई थी। तभी से वे लगातार नक्सल ऑपरेशनों का हिस्सा रहे हैं। उनके साहस और कर्तव्यनिष्ठा के चलते उन्हें अब तक छह बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

क्यों खास है ‘83+’ वाला मैसेज?

पुलिस महकमे में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का यह अंदाज़ न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि कानून के हाथ कितने मजबूत हैं। ‘83+’ का यह टैग उनके जुझारू स्वभाव और कड़े एक्शन का प्रतीक बन गया है। यह सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ लड़ाई की गवाही है।

जनता और विभाग में सम्मान

लक्ष्मण केवट की कार्यशैली और बहादुरी की सराहना न सिर्फ पुलिस विभाग बल्कि आम लोग भी कर रहे हैं। वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं। जिस जज्बे और जोश से वे नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देते हैं, वह आज भी बहुत से अधिकारियों के लिए मिसाल है।

थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट का यह अनोखा अंदाज़ यह दिखाता है कि बहादुरी सिर्फ मैदान में ही नहीं, बल्कि सोच और स्टाइल में भी नजर आती है। “अब तक 83+” सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि एक जज़्बा है—जो कानून के रक्षक और समाज के दुश्मनों के बीच फर्क करता है।

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