डेस्क। हरियाणा में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर प्रदेशभर में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने हड़ताल की। करीब तीन लाख कर्मचारियों ने इस आंदोलन में भाग लिया, जिसमें 40 से ज्यादा सरकारी विभागों के अलावा 55 से अधिक बोर्ड और निगमों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। हालांकि हड़ताल का असर जिले-दर-जिले अलग-अलग नजर आया।
पानीपत में हड़ताल के बावजूद दौड़ीं अधिकांश बसें
पानीपत में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। रोडवेज, नगर निगम और बिजली विभाग समेत कई विभागों के कर्मचारी सुबह से ही कामकाज छोड़कर धरना प्रदर्शन में जुटे। संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कर्मचारियों ने विरोध जताया, हालांकि रोडवेज संचालन में रुकावट नहीं आई। पानीपत डिपो की 124 में से लगभग 100 बसें सामान्य रूप से चलती रहीं। कर्मचारियों ने दोपहर 11 बजे लाल बत्ती चौक पर एकत्र होकर जिला सचिवालय तक प्रदर्शन किया।
झज्जर में भी सामान्य रही रोडवेज सेवा
झज्जर जिले में हड़ताल का असर परिवहन सेवाओं पर नहीं पड़ा। सभी प्रमुख रूटों पर रोडवेज बसें सामान्य रूप से चलीं। दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे बड़े रूटों पर यातायात में कोई व्यवधान नहीं आया। हालांकि, यूनियन के सदस्य सुबह से ही बस स्टैंड पर जुट गए थे और परिसर में विरोध प्रदर्शन करते रहे। अन्य कर्मचारी संगठन भी सुबह 10 बजे अनाज मंडी में एकत्र होकर शहर में रोष रैली की तैयारी में दिखे।
कुरुक्षेत्र में आंशिक रूप से प्रभावित रही सेवाएं
कुरुक्षेत्र में हड़ताल का असर आंशिक रूप से देखने को मिला। सुबह 7:30 बजे तक कुछ बसें यात्रियों को लेकर रवाना हो चुकी थीं। इसके बाद कई बसें पुलिस लाइन से विभिन्न रूटों के लिए चलाई गईं। हालांकि, सभी सेवाएं चालू नहीं हो सकीं। देर शाम तक करीब 50 बसें तैयार की गईं ताकि लंबी दूरी की सेवाएं संचालित की जा सकें। डिपो अधिकारी और महाप्रबंधक मौके पर मौजूद रहे और सेवाओं को सामान्य बनाने में जुटे रहे।
सरकारी कामकाज पर भी पड़ा असर
हड़ताल के चलते कई सरकारी दफ्तरों में कामकाज प्रभावित रहा। अनुबंधित और नियमित कर्मचारी दोनों ही आंदोलन में भाग लेते नजर आए। सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए उन्होंने विभिन्न मांगों को लेकर रोष जताया।
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