नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में अस्थि मर्म पर दो दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसे राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी), नई दिल्ली ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के सहयोग से आयोजित किया है। आरएवी शासी निकाय के अध्यक्ष पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा ने एआईआईए के डीन डॉ. महेश व्यास की उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
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आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए उपलब्ध अपार अवसर
वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा ने उद्घाटन भाषण में आधुनिक स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद की प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंने वर्तमान स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए पारंपरिक ज्ञान को आगे बढ़ाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए उपलब्ध अपार अवसरों पर भी जानकारी दी और नैदानिक अभ्यास को बढ़ाने में इस तरह के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर बल दिया।
अस्थि मर्म के सिद्धांतों और प्रथाओं की दी जानकारी
प्रशिक्षण सत्रों का नेतृत्व प्रख्यात विशेषज्ञों ने किया, जिनमें सीआरएवी गुरु डॉ. सी. सुरेश कुमार और डॉ. एन.वी. श्रीवथ, एनआईए जयपुर के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. पी. हेमंत कुमार और एआईआईए, नई दिल्ली के पंचकर्म विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. आनंदराम शर्मा शामिल थे। पहले दिन, प्रतिभागियों को अस्थि मर्म के सिद्धांतों और प्रथाओं की गहन जानकारी प्राप्त हुई, जिसमें सैद्धांतिक रूपरेखाओं को नैदानिक अनुप्रयोगों के साथ जोड़ा गया। प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा साझा किए गए ज्ञान ने आगामी संवादात्मक और व्यावहारिक सत्रों के लिए मजबूत आधार तैयार किया।
इस दो दिन के कार्यक्रम से प्रतिभागियों को उन्नत कौशल और ज्ञान प्राप्त होने की उम्मीद है। इससे साक्ष्य-आधारित आयुर्वेद को बढ़ावा देने और समग्र स्वास्थ्य सेवा में इसकी भूमिका को मज़बूत करने में सहायता मिलेगी।
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