एलन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। मंगलवार शाम को लॉन्च किया गया स्टारशिप मेगा-रॉकेट, जो अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट माना जा रहा था, उड़ान के दौरान नियंत्रण खो बैठा और हिंद महासागर के ऊपर विस्फोट हो गया। यह इस मिशन का नौवां परीक्षण था, जिसे सफल माना जा रहा था, लेकिन अंत में यह भी विफल साबित हुआ।
स्पेसएक्स ने इस स्टारशिप मिशन की शुरुआत स्थानीय समय अनुसार शाम 6:36 बजे अमेरिका के टेक्सास राज्य में स्थित बोका चिका के पास अपनी स्टारबेस सुविधा से की थी। शुरुआत में रॉकेट ने अच्छी उड़ान भरी और लोगों को उम्मीद थी कि यह मिशन सफल हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, तकनीकी गड़बड़ी सामने आने लगी और फिर उड़ान के करीब 30 मिनट बाद रॉकेट में विस्फोट हो गया।
स्पेसएक्स की ओर से बताया गया कि रॉकेट के ईंधन टैंक में रिसाव के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह अनियंत्रित रूप से घूमने लगा। यही नहीं, ऊपरी हिस्से में स्थित यान पेलोड डोर भी ठीक से नहीं खुल पाया, जिसके कारण नकली स्टारलिंक उपग्रहों को रिलीज नहीं किया जा सका। सुपर हैवी बूस्टर जो रॉकेट को अंतरिक्ष में ले जाने वाला मुख्य हिस्सा होता है, उसने 33 इंजनों के साथ उड़ान तो भरी, लेकिन अपेक्षित स्प्लैशडाउन से पहले ही वह फट गया।
हालांकि, यह बात जरूर सकारात्मक रही कि स्टारशिप अपने शुरुआती चरण में सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने में कामयाब रहा। मगर, मिशन का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो सका क्योंकि उपग्रहों को स्थापित नहीं किया जा सका। उड़ान की लाइव फुटेज में साफ देखा गया कि रॉकेट के चारों ओर आग की लपटें थीं और फिर वह तेज धमाके के साथ टूट गया।
गौरतलब है कि इससे पहले तीसरी परीक्षण उड़ान में भी इसी तरह की समस्या सामने आई थी, जब रॉकेट कैरेबियन सागर के ऊपर फट गया था। उस समय भी रॉकेट का मलबा आसमान में बिखर गया था और हवाई जहाजों को अपनी उड़ान का रास्ता बदलना पड़ा था। ऐसे में यह नौवां प्रयास भी स्पेसएक्स की उम्मीदों पर पानी फेर गया।
इस घटना के बाद स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर बयान जारी करते हुए कहा,
“जैसे कि उड़ान परीक्षण पर्याप्त रोमांचक नहीं था, स्टारशिप को एक तेज अनिर्धारित विघटन का सामना करना पड़ा। टीमें डेटा की समीक्षा करेंगी और अगली उड़ान के लिए तैयारी जारी रहेगी। इस तरह के परीक्षणों से मिलने वाला अनुभव हमें स्टारशिप की विश्वसनीयता को सुधारने में मदद करेगा। हमारा उद्देश्य मानव जीवन को बहुग्रहीय बनाना है।”
हालांकि मिशन विफल रहा, लेकिन स्पेसएक्स के इंजीनियरों का मानना है कि हर असफलता कुछ सिखाती है और इस प्रयोग से मिली जानकारी भविष्य की उड़ानों को बेहतर बनाएगी। कंपनी अब अगले परीक्षण की दिशा में काम शुरू कर चुकी है।
एलन मस्क के महत्वाकांक्षी मंगल मिशन और अंतरग्रहीय यात्रा के सपने के लिए यह एक और बाधा साबित हुई है। अब देखना होगा कि अगली उड़ान में स्पेसएक्स इस तकनीकी खामी को सुधार कर अपने लक्ष्य की ओर कितना करीब पहुंच पाता है।
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