अहमदाबाद। देशभर में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा के आयोजन के बीच अहमदाबाद में निकली 148वीं रथयात्रा के दौरान एक अनहोनी ने सभी को चौंका दिया। मंगलवार को निकली इस यात्रा के दौरान DJ की तेज आवाज से तीन हाथी बेकाबू हो गए, जिससे कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक हाथी को सड़क पर तेजी से दौड़ते हुए देखा जा सकता है।
विषयसूची
DJ की आवाज से भड़के हाथी, दौड़ते हुए मचाया हड़कंप
148वीं रथयात्रा में 17 हाथियों को शामिल किया गया था, लेकिन जब यात्रा शुरू हुई और DJ की धुनें तेज़ हुईं, तब तीन हाथी अचानक बेकाबू हो गए। इनमें से सबसे आगे चल रहा एक नर हाथी तेजी से इधर-उधर दौड़ने लगा। भगदड़ जैसी स्थिति में कुछ श्रद्धालु चोटिल भी हुए। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद डॉक्टरों और वन विभाग की टीम ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया और हाथी को नियंत्रित कर लिया।
तीन हाथियों को हटाया गया यात्रा से
घटना के बाद एहतियातन प्रशासन ने तीनों बेकाबू हाथियों—दो मादा और एक नर—को यात्रा से हटा दिया है। अब कुल 17 में से 14 हाथी ही रथयात्रा में शामिल रहेंगे। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन हाथियों को दोबारा यात्रा में नहीं शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने की पाहिंद विधि
जमालपुर स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर से शुरू हुई इस यात्रा की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पारंपरिक पाहिंद विधि (रथ के आगे स्वर्ण झाड़ू लगाना) से की। सुबह 5 बजे भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों को रथों में विराजित किया गया। यात्रा सुबह 7 बजे आरंभ हुई और रात्रि लगभग 8:30 बजे तक मंदिर लौटने की योजना है।
अमित शाह भी हुए शामिल, सुबह की मंगला आरती में दिए दर्शन
इससे पहले तड़के सुबह 4 बजे जगन्नाथ मंदिर में मंगला आरती आयोजित की गई थी, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उनका परिवार भी शामिल हुआ। इस दौरान भगवान को खिचड़ी का भोग अर्पित किया गया। यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और सांस्कृतिक झांकियां भी शामिल हैं।
पुरी और उदयपुर में भी भव्य आयोजन
पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को शाम 4 बजे खींचा जाएगा। वहीं, राजस्थान के उदयपुर में भगवान जगन्नाथ को लगभग 80 किलो चांदी के रथ में विराजित कर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
चार सौ साल पुरानी परंपरा, संवेदनशील इलाकों से भी गुजरी यात्रा
अहमदाबाद की जगन्नाथ रथयात्रा करीब 400 साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है। यह शोभायात्रा शहर के जमालपुर क्षेत्र से शुरू होकर कई सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले इलाकों से होते हुए वापस मंदिर लौटती है। सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।
हालांकि हाथियों के बेकाबू होने की यह घटना एक बार फिर यह सवाल जरूर खड़ा करती है कि क्या इतनी भीड़ और शोरगुल वाले आयोजनों में पशुओं को शामिल करना उचित है? फिलहाल राहत की बात यह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और समय रहते हालात काबू में ले लिए गए।
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

