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बिहार चुनाव में सख्त हुआ चुनाव आयोग, 10 लाख लीटर शराब और 10 करोड़ नकद जब्त

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव और देशभर की आठ विधानसभा सीटों के उपचुनावों से पहले चुनाव आयोग पूरी सख्ती के साथ निगरानी कर रहा है ताकि मतदाताओं को किसी भी तरह से प्रभावित न किया जा सके। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने बहु-स्तरीय कार्रवाई शुरू की है और अब तक भारी मात्रा में नकदी, शराब, दवाएं और कीमती धातुएं जब्त की जा चुकी हैं।

अब तक 108 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सामग्री जब्त

चुनाव आयोग ने सोमवार को जारी अपने प्रेस नोट में बताया कि 3 नवंबर 2025 तक विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की गई कार्रवाई में कुल 108.19 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध प्रलोभन सामग्री पकड़ी गई है। इनमें 9.62 करोड़ रुपये नकद, 9.6 लाख लीटर यानी करीब 42.14 करोड़ रुपये मूल्य की शराब, 24.61 करोड़ रुपये की दवाएं, 5.8 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती धातुएं और 26 करोड़ रुपये से अधिक की अन्य मुफ्त वस्तुएं शामिल हैं।

आयोग के अनुसार, यह अभियान मतदाताओं को नकद, शराब या अन्य वस्तुओं के माध्यम से प्रभावित करने की कोशिशों पर लगाम लगाने के लिए चलाया जा रहा है। इन सभी जब्ती कार्रवाइयों में प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, पुलिस, आबकारी और सीमा शुल्क विभाग जैसी एजेंसियों ने संयुक्त रूप से भाग लिया है।

बिहार में 824 उड़न दस्ते तैनात

चुनाव आयोग ने बिहार में निगरानी को और मजबूत बनाने के लिए 824 फ्लाइंग स्क्वॉड (उड़न दस्ते) की तैनाती की है। ये टीमें किसी भी तरह की चुनावी गड़बड़ी या आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर 100 मिनट के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित कर रही हैं। आयोग ने बताया कि यह पहली बार है जब इतनी तेज़ और समन्वित प्रतिक्रिया प्रणाली को मैदान में उतारा गया है।

इन उड़न दस्तों के अलावा, विभिन्न जिलों में स्थिर निगरानी दल (Static Surveillance Teams) भी तैनात किए गए हैं जो सीमा और संवेदनशील क्षेत्रों पर चौकसी कर रहे हैं। बिहार की सीमाओं पर खास सतर्कता बरती जा रही है ताकि शराब, नकदी या अन्य प्रलोभन सामग्री की अवैध आवाजाही रोकी जा सके।

आदर्श आचार संहिता पर सख्त निगरानी

चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिया है कि वे आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

आयोग का कहना है कि यह सख्ती इसलिए आवश्यक है ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनुचित लाभ की स्थिति न बने और हर उम्मीदवार को समान अवसर मिल सके।

सी-विजिल ऐप से शिकायत दर्ज करने की सुविधा

आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी मिलती है, तो वे C-Vigil ऐप के माध्यम से तुरंत रिपोर्ट करें। यह ऐप चुनाव आयोग के ECI Net प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ा हुआ है और शिकायत दर्ज करने के बाद उसे संबंधित क्षेत्र के अधिकारी तक सीधे भेज दिया जाता है।

चुनाव आयोग के अनुसार, इस ऐप के माध्यम से दर्ज शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक Complaint Monitoring System भी स्थापित की गई है।

1950 हेल्पलाइन नंबर पर मिल रही 24×7 सुविधा

आयोग ने शिकायतों की निगरानी के लिए एक विशेष कॉल सेंटर भी स्थापित किया है, जहां नागरिक 1950 नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह हेल्पलाइन 24 घंटे और सातों दिन सक्रिय रहती है। इसके जरिए नागरिक अपनी शिकायतें जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) या क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी (RO) तक पहुंचा सकते हैं।

शराब और नकदी की बरामदगी पर बढ़ा राजनीतिक तापमान

चुनाव से ठीक पहले भारी मात्रा में शराब और नकदी पकड़े जाने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह पैसे और शराब का खेल चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश है, वहीं सत्तारूढ़ दलों का कहना है कि आयोग की सख्ती से यह साफ है कि अब गड़बड़ियों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।

निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग की तैयारी

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि वह किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएगा और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। आयोग ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे शराब दुकानों, गोदामों और बॉर्डर इलाकों पर विशेष निगरानी रखें।

आयोग का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मतदान की तारीखें नजदीक आएंगी, निगरानी और तेज की जाएगी ताकि चुनावी प्रक्रिया पर कोई आंच न आए।

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