ED raids Anil Ambani’s, देश के प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी मुसीबत में आ गए हैं । अनिल अंबानी और उससे जुड़ी कंपनियों पर मनी लान्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई की है । गुरुवार सुबह से ही ईडी की टीमों ने देशभर में 4 दर्जन से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। यह छापेमारी यस बैंक (YES BANK) लोन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का हिस्सा है। इस छापेमारी के बाद अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई ।
अनिल अंबानी, जो कभी देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में गिने जाते थे, आज कई वित्तीय संकटों से जूझ रहे हैं। उनकी कई कंपनियां या तो दिवालिया घोषित हो चुकी हैं या बिक चुकी हैं। हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और स्वयं अनिल अंबानी को फ्रॉड (धोखाधड़ी) श्रेणी में डाला है।
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ED raids Anil Ambani’s, ईडी जांच की वजह
यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई दो FIR के आधार पर की गई है। इसके साथ ही सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) जैसी संस्थाओं ने भी जांच में सहयोग किया है। ED के अनुसार, शुरुआती जांच में यह पाया गया कि यस बैंक ने 2017 से 2019 के मध्य करीब 3,000 करोड़ रुपये के लोन अनिल अंबानी ग्रुप की शेल कंपनियों और उनसे जुड़ी दूसरी इकाइयों को दिए लेकिन इन पैसों का इस्तेमाल आगे कहीं और ट्रांसफर करने में किया गया, इसी को लेकर संदेह है ।
जांच में क्या-क्या आया सामने
जांच एजेंसियों का दावा, यस बैंक के अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने के पुख्ता सबूत मिले हैं, जिसमें बैंक के प्रमोटर भी शामिल हैं। लोन देने की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जैसे: लोन के दस्तावेज पीछे से बनाए गए। कंपनियों की आर्थिक स्थिति का ठीक से मूल्यांकन नहीं हुआ। एक जैसे डायरेक्टर वाली कमजोर कंपनियों को भी लोन मिल गया। लोन की शर्तों का उल्लंघन हुआ और लोन मंजूरी से पहले ही पैसा ट्रांसफर कर दिया गया। खातों को लगातार चालू बनाए रखने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। इस मामले में आगे की जांच जारी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अनिल अंबानी समेत कई बड़े नामों से पूछताछ की जा सकती है।
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