🕒 Published 2 weeks ago (2:04 PM)
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वकीलों को कानूनी सलाह देने पर सवाल उठाना प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भारी पड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को तलब करने के प्रयास पर ईडी को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “ईडी अधिकारी सारी सीमाएं लांघ रहे हैं। (ED Crossed the Line) । उन्हें अपनी हद में रहना चाहिए । कानून के तहत वकील और उसके मुवक्किल के बीच की बातचीत गोपनीय और विशेषाधिकार प्राप्त होती है।”
Supreme Court : ED Crossed the Line
इस मामले में भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमण ने भी ईडी की गलती स्वीकार की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि सभी जांच एजेंसियों को इस संबंध में चेताया गया है और भविष्य में ऐसी चूक न हो, इसके लिए दिशा निर्देश बनाए जाएंगे।गौरतलब है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के रवैये को लेकर नाराजगी जताई थी और अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि वे “कोर्ट को मजबूर न करें कि हमें कुछ कहना पड़े।” यह मामला अब जांच एजेंसियों की कार्यशैली और अधिकारों की सीमाओं पर एक अहम सवाल बनकर उभरा है, खासकर तब जब बात वकील और मुवक्किल की संवैधानिक गोपनीयता की हो।
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