म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप का कहर! पहले 7.5 और फिर 7.0 तीव्रता के झटकों से मची भयानक तबाही

By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (9:12 AM)

म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भयानक भूकंप के दो शक्तिशाली झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता क्रमशः 7.5 और 7.0 रही। इन भूकंपों के कारण दोनों देशों में भारी तबाही हुई है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में धरती इतनी जोर से कांपी कि लोगों में दहशत फैल गई और वे घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। इस विनाशकारी भूकंप के चलते थाईलैंड में आपातकाल घोषित कर दिया गया है।

महाकंपन से म्यांमार और थाईलैंड में तबाही का मंजर

म्यांमार और थाईलैंड में आए इन भीषण भूकंपों ने हाहाकार मचा दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रहा है कि भूकंप के झटकों से कई ऊंची इमारतें पलभर में जमींदोज हो गईं। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। इन झटकों की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक वीडियो में देखा गया कि सिर्फ 3 सेकंड के भीतर एक बहुमंजिला इमारत जमीन पर आ गिरी और चारों तरफ धूल और धुएं का गुबार फैल गया।

 

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तबाही की तस्वीरें

सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें भूकंप की भयावहता स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। एक वीडियो में बैंकॉक की एक गगनचुंबी इमारत से स्विमिंग पूल का पानी झरने की तरह नीचे गिरता दिखाई दे रहा है, जबकि एक अन्य वीडियो में सड़क पर खड़ी ट्रेन किसी झूले की तरह हिलती नजर आ रही है। लोग डर के मारे अपनी गाड़ियों में बैठे कांप रहे थे। न्यूज चैनलों पर प्रसारित हो रहे वीडियो में भी समाचार एंकर खौफ में नजर आ रहे हैं, और एक लाइव डिबेट के दौरान एक अतिथि महिला घबराहट में रोने लगी।

बांग्लादेश तक महसूस हुए झटके

म्यांमार में आए इस शक्तिशाली भूकंप के बाद इसके आफ्टरशॉक्स बांग्लादेश में भी महसूस किए गए। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कई जगहों पर इमारतें हिलने लगीं, जिससे लोग घरों और दफ्तरों से बाहर भागने लगे। बांग्लादेश के मौसम विभाग के मुताबिक, इस क्षेत्र में आए झटकों की तीव्रता 4.0 रही। वहीं, भारत के मेघालय और मणिपुर में भी इसके प्रभाव को महसूस किया गया।

वैज्ञानिकों ने भूकंप के केंद्र की पुष्टि की

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) की रिपोर्ट के अनुसार, पहला भूकंप म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में आया था, जिसकी गहराई करीब 10 किलोमीटर थी। प्रारंभ में इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई, लेकिन बाद में इसे संशोधित कर 7.5 बताया गया। इसके कुछ मिनटों बाद ही दूसरा झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 7.0 थी।

विनाशकारी भूकंप का असर और अनुमानित नुकसान

भूकंप से हुए जान-माल के नुकसान का अभी सटीक आंकलन नहीं किया जा सका है, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, कई लोगों की जान जाने की आशंका जताई जा रही है। म्यांमार और थाईलैंड में कई इमारतें ढह गईं, सैकड़ों लोग घायल हुए और सड़कें ध्वस्त हो गईं। बचाव दल लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं और प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी और भविष्य की आशंका

भूवैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियां तेज हो गई हैं, जिससे भविष्य में और भी बड़े भूकंप आने की संभावना है। वैज्ञानिकों ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।

निष्कर्ष

म्यांमार और थाईलैंड में आए इस महाभूकंप ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस आपदा के बाद पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में दहशत का माहौल है। भारत और बांग्लादेश में भी इसके झटकों ने लोगों को सतर्क कर दिया है। सरकार और राहत एजेंसियां इस संकट से निपटने के लिए पूरी ताकत से जुटी हुई हैं। हालांकि, यह भूकंप एक बार फिर यह याद दिलाता है कि प्रकृति के आगे इंसान कितना असहाय है, और हमें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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