🕒 Published 18 hours ago (6:35 PM)
शुक्रवार को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक बड़ी कामयाबी मिली है। मलबे से गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) को एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद हुआ है। ATS अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि DVR को तुरंत कब्जे में लेकर वैज्ञानिक जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को बुला लिया गया है। उन्होंने बताया, “FSL टीम जल्द ही घटनास्थल पर पहुंचने वाली है।”
DVR से क्या मिलेगा सुराग?
इस DVR को ब्लैक बॉक्स का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। इसमें विमान के अंतिम क्षणों के वीडियो फुटेज, कॉकपिट की रिकॉर्डिंग या विमान के अंदर-बाहर के सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग हो सकती है। यह साफ तौर पर दिखा सकता है कि हादसे से ठीक पहले कॉकपिट में क्या हो रहा था, पायलट ने क्या निर्णय लिए और क्या कोई चेतावनी संकेत मिला जिसे नजरअंदाज किया गया।
DVR क्यों होता है इतना अहम?
डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR), फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के साथ मिलकर काम करता है। जहां FDR विमान की गति, ऊंचाई, रडार डाटा जैसी तकनीकी जानकारियां जुटाता है, वहीं CVR पायलट और अन्य क्रू की बातचीत रिकॉर्ड करता है। DVR इन दोनों को दृश्य सबूत देकर पूरा करता है – जैसे पायलट की हरकतें, कॉकपिट में अलर्ट, और उस समय की विजुअल कंडीशन।
हादसे की जांच में DVR कैसे करेगा मदद?
- विजुअल एविडेंस: DVR की रिकॉर्डिंग से यह जानना आसान होगा कि पायलट ने क्या देखा और कैसे प्रतिक्रिया दी।
- तकनीकी पुष्टि: FDR और CVR से मिली जानकारियों की DVR वीडियो से दृश्य पुष्टि की जा सकेगी।
- गलती की पहचान: पायलट का कन्फ्यूजन, किसी सिस्टम की विफलता या कोई नजरअंदाज किया गया अलर्ट DVR से सामने आ सकता है।
- भविष्य की सुरक्षा: इस रिकॉर्डिंग के आधार पर विमान सुरक्षा में जरूरी सुधारों की सिफारिश की जा सकती है।