औरंगजेब विवाद के चलते विश्व हिंदू परिषद की दिल्ली में सक्रियता, हुमायूं के मकबरे का किया गहन निरीक्षण

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By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:05 AM)

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच, विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में स्थित हुमायूं के मकबरे का दौरा किया। संगठन ने स्पष्ट किया कि यह निरीक्षण किसी विवाद का हिस्सा नहीं है, बल्कि दिल्ली के ऐतिहासिक संदर्भों के अध्ययन का एक प्रयास है।

हुमायूं के मकबरे का निरीक्षण

रविवार को विश्व हिंदू परिषद की दिल्ली इकाई के सचिव सुरेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हुमायूं के मकबरे का दौरा किया। संगठन ने बयान जारी कर कहा कि मकबरे का निरीक्षण दिल्ली के ऐतिहासिक संदर्भ को समझने के लिए किया गया था।

बयान के अनुसार, “यह निरीक्षण किसी भी विवाद से जुड़ा नहीं है। हमारा उद्देश्य ऐतिहासिक तथ्यों का अध्ययन करना है।” VHP के पदाधिकारियों ने यह भी घोषणा की कि उनका अगला निरीक्षण सफदरजंग के मकबरे का होगा।

 

इतिहास का विश्लेषण करने की मंशा

विश्व हिंदू परिषद के बयान में कहा गया कि संगठन विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों और कालखंडों के शासकों के योगदान का विश्लेषण कर रहा है। यह अध्ययन ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाने की दिशा में एक कदम है, और निरीक्षण के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपने की योजना है।

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद

इस बीच, महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों में असंतोष देखा जा रहा है। कुछ समूहों का आरोप है कि 17वीं सदी के इस मुगल शासक ने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे, जिसके चलते उनकी कब्र को हटाने की मांग की जा रही है।

औरंगजेब की कब्र का मुद्दा कैसे उभरा?

विवाद तब बढ़ा जब समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत थी। इस बयान के बाद भारी विरोध हुआ और अबू आजमी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसके चलते महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी।

आगे की योजना

VHP की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हुमायूं के मकबरे और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का निरीक्षण पूरी तरह से ऐतिहासिक संदर्भों के अध्ययन के उद्देश्य से किया गया है। संगठन के अनुसार, इस निरीक्षण से ऐतिहासिक तथ्यों को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी और इसे लेकर विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।

हालांकि, इस दौरे को लेकर चर्चाएं और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो रही हैं। अब देखना यह होगा कि आगे इस मामले में क्या रुख अपनाया जाता है।

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